The license of the hospital from which a child is stolen should be suspended Supreme Court

नई दिल्ली ,15 अपै्रल (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने आज बाल तस्करी के मामलों से निपटने के तरीके को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई और ऐसे अपराधों को रोकने के लिए राज्यों को पालन करने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी नवजात बच्चे को हॉस्पिटल से चुराया जाता है तो सबसे पहले उस अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड होना चाहिए।

कोर्ट ने यह टिप्पणी दिल्ली- एनसीआर में नवजात बच्चों की तस्करी के गैंग के पर्दाफाश से जुड़ी खबर पर संज्ञान लेते हुए की। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने सख्त निर्देश देते हुए निचली अदालतों को बाल तस्करी के मामलों की सुनवाई 6 महीने में पूरी करने का आदेश दिया।

कोर्ट ने कहा कि दिल्ली गैंग के पर्दाफाश की घटना अपने आप मे हतप्रभ कर देने वाली है और कोर्ट के दखल की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड ट्रैफिकिंग के मामले में भारतीय इंस्टीट्यूट की तरफ दिए गए सुझावों को अपने फैसले में जगह दी है और सभी राज्य सरकारों कहा है कि उसे पढ़ कर अमल करें।

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