The extent of approval and verification of medical bills by civil surgeons has been doubled – Harpal Singh Cheema

चंडीगढ़ 13 जुलाई ,(एजेंसी)।  पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहाँ कहा कि वित्त विभाग ने पंजाब सरकार के कर्मचारियों के मैडीकल बिलों के जल्दी निपटारे को यकीनी बनाने के लिए सिविल सर्जन के द्वारा मैडीकल बिलों की कार्यबाद मंजूरी और तस्दीक हद को दोगुना करने का फ़ैसला किया है। उन्होंने कहा कि इस फ़ैसले से राज्य के सभी सिविल सर्जनों को पंजाब और चंडीगढ़ के निजी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए पंजाब सरकार के मुलाजिमों की तरफ से उठाए गए 1 लाख रुपए तक के मैडीकल बिलों की तस्दीक करने और कार्यबाद स्वीकृति देने का अधिकार होगा।

यहाँ जारी एक प्रैस बयान के द्वारा यह जानकारी देते हुए वित्त मंत्री स. हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि पंजाब सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने मैडीकल बिलों के निपटारे में आ रही दिक्कतों को मुख्य रखते हुए वित्त विभाग ने राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार भलाई विभाग की तरफ से भेजे गये प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि मैडीकल बिलों के निपटारे सम्बन्धित प्रक्रिया के विकेंद्रीकरण को और मज़बूत करने के लिए लए गए इस फ़ैसले से मैडीकल दावों, बिलों की प्रति-पूर्ति और निपटारे में तेज़ी आएगी।

स. हरपाल सिंह चीमा ने आगे बताया कि साल 2010 में वित्त विभाग की तरफ से निजी अस्पतालों के 25000 हज़ार रुपए तक के मैडीकल बिलों के अधिकार सिविल सर्जन को दिए जाने को मंजूरी दी गई थी परन्तु इसके बाद इलाज की कीमतों में हुए वृद्धि को देखते किसी ने भी मुलाजिमों के हित में इस हद को बढ़ाने सम्बन्धी कोई फ़ैसला नहीं लिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार के गठन के उपरांत 12 साल बाद मई 2022 में ही इस सीमा को दोगुना करते हुए निजी अस्पतालों के इलाज के 50,000 रुपए तक के मैडीकल बिलों के अधिकार सिविल सर्जनों को दिए गए और इससे अधिक के मैडीकल बिलों की कार्यबाद मंजूरी डायरैक्टर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की तरफ से करने की व्यवस्था की गई है।

वित्त मंत्री ने कहा कि बीते वर्ष मैडीकल बिलों की सिविल सर्जन के द्वारा कार्यबाद मंजूरी और वैरीफिकेशन की सीमा को दोगुना करने के बावजूद डायरैक्टर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के दफ़्तर में मैडीकल बिलों की पैडैंसी बढ़ती जा रही थी, जिस कारण पंजाब सरकार के मुलाजिमों को अभी भी अपने बिल समय पर कलियर न होने के कारण मुश्किल का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने कहा कि अब यह हद 50000 रुपए से दोगुनी करके 1 लाख रुपए करने से पूरी प्रक्रिया में तेज़ी आएगी।

मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की अपने कर्मचारियों की भलाई प्रति वचनबद्धता को दोहराते हुए वित्त मंत्री स. हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सरकार की तरफ से मुलाजिमों को कामकाज के दौरान ज़रूरी सुविधाएं मुहैया करवाने के साथ-साथ उनके जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। उन्होंने राज्य के कर्मचारियों से अपील की कि वे अपनी सेवाएं ईमानदारी, तनदेही के साथ निभाते हुए राज्य को फिर रंगला पंजाब बनाने में अपना योगदान दें।

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