The country's largest scientific institution got the first woman DG

नई दिल्ली ,07 अगस्त (आरएनएस/FJ)।  वरिष्ठ वैज्ञानिक नल्लाथम्बी कलाइसेल्वी वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की पहली महिला महानिदेशक बन गई हैं।  सीएसआईआर देशभर के 38 अनुसंधान संस्थानों का एक संघ है। कार्मिक मंत्रालय के जारी एक आदेश के अनुसार, वह शेखर मांडे का स्थान लेंगी, जो अप्रैल में सेवानिवृत्त हो गए।

मांडे के सेवानिवृत्त होने के बाद जैवप्रौद्योगिकी विभाग के सचिव राजेश गोखले को सीएसआईआर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।

लिथियम आयन बैटरी के क्षेत्र में अपने काम से ख्याति पाने वाली कलाइसेल्वी अभी तमिलनाडु के करईकुडी में सीएसआईआर-केंद्रीय विद्युत रासायनिक अनुसंधान संस्थान (सीईसीआरआई) की निदेशक हैं। कलाइसेल्वी वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग की सचिव का प्रभार भी संभालेंगी।

उनकी नियुक्ति दो साल की अवधि के लिए है।

कलाइसेल्वी ने सीएसआईआर में अपनी नौकरी की शुरुआत करते हुए संस्थान में अच्छी-खासी साख बनाई और फरवरी 2019 में सीएसआईआर-सीईसीआरआई का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बनीं। उन्होंने इसी संस्थान में प्रवेश स्तर के वैज्ञानिक के तौर पर अनुसंधान में अपना करियर शुरू किया था।

तमिलनाडु में तिरुनेलवेली जिले के छोटे-से शहर अंबासमुद्रम की रहने वाली कलाइसेल्वी ने तमिल माध्यम से स्कूली शिक्षा प्राप्त की। उनका कहना है कि इससे उन्हें कॉलेज में विज्ञान की अवधारणाओं को समझने में मदद मिली।

कलाइसेल्वी का 25 साल से ज्यादा का अनुसंधान कार्य मुख्यत: विद्युत रासायनिक ऊर्जा प्रणाली, खासतौर से इलेक्ट्रोड के विकास पर केंद्रित रहा है। वह अभी सोडियम-आयन/लिथियम-सल्फर बैटरी और सुपरकैपेसिटर के विकास पर काम कर रही हैं।

कलाइसेल्वी ने नेशनल मिशन फॉर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में अहम योगदान भी दिए हैं। उनके नाम पर 125 से अधिक शोध पत्र और छह पेटेंट हैं।

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