नई दिल्ली ,15 दिसंबर(एजेंसी)। लोकसभा ने गुरुवार को संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2022 पारित कर दिया, इस विधेयक का उद्देश्य तमिलनाडु के संबंध में अनुसूचित जनजाति आदेश, 1950 में संशोधन करते हुए नारिकोरवन और कुरिविकरण समुदायों को भी अनुसूचित जनजातियों की श्रेणी में शामिल करना है। यह आदेश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अनुसूचित जनजाति माने जाने वाले जनजातीय समुदायों को सूचीबद्ध करता है। इस कानून में तमिलनाडु में अनुसूचित जनजातियों की सूची में नरिकोरवन और कुरिविकरण समुदाय शामिल हैं।
निचले सदन में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार गरीब से गरीब व्यक्ति के उत्थान के लिए चिंतित है और उन्हें सामाजिक न्याय के साथ शासन प्रदान करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने लगभग 27,000 की आबादी वाले समुदाय तक पहुंचने का प्रयास किया है और यह इसके नेक इरादों की व्याख्या करता है।
मुंडा ने आदिवासियों के लिए छात्रवृत्ति के बारे में चिंताओं को दूर करते हुए कहा कि कोई प्रतिबंध नहीं होगा और सरकार सभी आवेदनों पर विचार करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रवृत्ति पर खर्च बढ़ाया गया है।
तृणमूल कांग्रेस के सौगत रे, शिवसेना के विनायक राउत और बसपा के मलूक नागर समेत कई सदस्यों ने विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लिया।
*****************************