The company spent Rs 1 thousand crore to prescribe Dolo-650 tablet, the SC told a serious issue

*सुप्रीम कोर्ट ने बताया गंभीर मुद्दा*

नई दिल्ली ,18 अगस्त (एजेंसी)।  सुप्रीम कोर्ट को गुरुवार को बताया गया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने डोलो-650 टैबलेट के निर्माताओं पर टैबलेट को प्रेस्क्राइब करने के लिए डॉक्टरों को करीब 1,000 करोड़ रुपये मुफ्त में बांटने का आरोप लगाया है। फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख ने न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि डोलो ने रोगियों को बुखार-रोधी दवा देने के लिए मुफ्त में 1,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है और यहां तक कि उन्हें भी कोविड के दौरान ऐसा ही प्रेस्क्राइब किया गया था और कहा, जब मुझे कोविड था तो मुझसे भी ऐसा ही करने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा, यह एक गंभीर मुद्दा और मामला है। पीठ ने केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिस्टिर जनरल के.एम. नटराज को 10 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।

शीर्ष अदालत एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें डॉक्टरों को उनकी दवाएं लिखने के लिए प्रोत्साहन के तौर पर मुफ्त उपहार देने के लिए दवा कंपनियों को जवाबदेह बनाने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

याचिका में कहा गया है, याचिकाकर्ता स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के साथ अपने व्यवहार में फार्मास्युटिकल कंपनियों द्वारा अनैतिक विपणन प्रथाओं के बढ़ते उदाहरणों के मद्देनजर भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार में निहित स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार को लागू करने की मांग कर रहे थे। अत्यधिक या तर्कहीन दवाओं को प्रेस्क्राइब करना, ऐसी प्रथाएं हैं जो नागरिकों के स्वास्थ्य को सीधे प्रभावित करती हैं, संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके अधिकारों का उल्लंघन करती हैं।

याचिका में कहा गया है कि यह उचित समय है कि स्वास्थ्य के अधिकार को सुनिश्चित करने में कमियों को तत्काल उचित कानून द्वारा भरा जाए। याचिका में कहा गया है कि ऐसे पर्याप्त उदाहरण हैं जो दिखाते हैं कि कैसे फार्मास्युटिकल क्षेत्र में भ्रष्टाचार सकारात्मक स्वास्थ्य परिणामों को खतरे में डालता है और मरीजों के स्वास्थ्य को खतरे में डालता है। दलील में तर्क दिया गया कि अनैतिक प्रथाओं में वृद्धि जारी है और कोविड-19 के दौरान भी ऐसी चीजें सामने आई हैं।

*************************************

इसे भी पढ़ें : मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *