चंडीगढ़ 12 जुलाई ,(एजेंसी)। पंजाब के वित्त, योजनाबंदी, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय को वस्तु और सेवा कर नैटवर्क (जी. एस. टी. एन.) को मनी लांडरिंग रोकथाम कानून ( पी. एम. एल. ए.) के अधीन लाने वाले संशोधनों को तुरंत वापस लेना चाहिए क्योंकि इन संशोधनों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ जी. एस. टी डाटा सांझा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस कदम के गंभीर परिणाम निकल सकते हैं और टैक्स अदा करने वाले ईमानदार व्यापारियों के लिए Óकर आतंकवादÓ जैसी स्थिति बन सकती है।
यहाँ जारी प्रैस बयान में वित्त मंत्री स. हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार ने मंगलवार को नई दिल्ली में हुई जी. एस. टी कौंसिल की मीटिंग के दौरान ई. डी के साथ जीएसटी डाटा सांझा करने के मुद्दे पर भी सख़्त विरोध ज़ाहिर किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार समेत समान विचारधारा वाले अन्य राज्य इस व्यापारी विरोधी कदम को वापिस लेने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय पर दबाव डालेंगे।
स. चीमा ने कहा कि ई.डी. देश भर के किसी भी कारोबारी को परेशान करने के लिए अपनी इस Óनयी ताकतÓ का दुरुपयोग कर सकती है। उन्होंने कहा कि एक व्यापारी जो ईमानदारी के साथ जी. एस. टी का भुगतान कर रहा है, हमेशा इस बात से चिंतित रहेगा कि उसकी मामूली गलती के कारण उसे ई. डी. द्वारा परेशान किया जा सकता है और यदि उसे गिरफ़्तार किया गया तो उसको ज़मानत भी नहीं मिलेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि इस Óटैक्स टैरोरिज़मÓ का देश के आर्थिक विकास पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
इस संशोधन की अन्य ख़ामियों के बारे बताते हुये पंजाब के वित्त मंत्री ने कहा कि इससे देश के संघीय ढांचे को और भी ठेस पहुंचेगी क्योंकि इससे राज्यों में केंद्र सरकार की दखलअन्दाज़ी और बढ़ जायेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब और अन्य कई राज्यों ने पहले ही कर चोरी करने वालों पर नजऱ रखने के लिए अपना टैक्स इंटेलिजेंस सिस्टम स्थापित कर लिया है और यह कर चोरी से सम्बन्धित गतिविधियों पर नजऱ रखने के लिए काफ़ी समर्थ हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को भारतीय आर्थिकता के मज़बूत स्तम्भ व्यापारियों और कारोबारियों के लिए परेशानी खड़ी करने वाले ऐसे संशोधन करने की बजाय इन प्रणालियों को और मज़बूत करने के लिए राज्यों का साथ देना चाहिए।
यहाँ जि़क्रयोग्य है कि भारत सरकार ने मनी लांडरिंग रोकथाम कानून की धारा 66 के द्वारा प्रदान की शक्ति का प्रयोग करते हुये 7 जुलाई, 2023 को एक नोटिफिकेशन जारी किया था जिसके द्वारा वस्तु और सेवा कर नैटवर्क को उक्त एक्ट के दायरे में लाया गया है।
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