Supreme Court reprimanded Rahul Gandhi, said- how do you know that the Chinese grabbed the land

नईदिल्ली,04 अगस्त  (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को चीन द्वारा जमीन हड़पने के उनके दावे पर फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो आप ऐसी टिप्पणी नहीं करेंगे।

साथ ही कोर्ट ने राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और एजी मसीह की पीठ ने गांधी की टिप्पणी पर मौखिक असहमति व्यक्त कर कहा कि आपको कैसे पता कि चीन ने जमीन हड़पी है?

लाइव लॉ के मुताबिक, राहुल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी कि अगर विपक्ष का नेता मुद्दे नहीं उठा सकता तो यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी।

सिंघवी ने कहा कि अगर वह प्रेस में छपी बातें नहीं कह सकते तो वह विपक्ष के नेता नहीं हो सकते। इस पर न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा कि आपको जो कुछ कहना है, संसद में क्यों नहीं कहते? सोशल मीडिया में पोस्ट कर ऐसा क्यों कहना है?

राहुल के बयान पर असहमति जताते हुए न्यायमूर्ति दत्ता ने पूछा, आपको कैसे पता चला कि 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर चीनियों ने कब्जा कर लिया है? क्या आप वहां थे, क्या आपके पास कोई विश्वसनीय सामग्री है?

आप बिना सबूत के बयान क्यों दे रहे हैं? अगर आप सच्चे भारतीय होते, तो यह सब नहीं कहते। सिंघवी ने कहा, यह भी संभव है कि एक सच्चा भारतीय कहे कि 20 भारतीय सैनिकों को पीटा और मार दिया गया।

जमीन हड़पने संबंधी बयान के मामले में राहुल के खिलाफ उत्तर प्रदेश में मामला दर्ज है, जिसमें निचली कोर्ट ने उन्हें समन जारी किया था। राहुल कोर्ट के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट गए थे, जहां 29 मई को समन आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी गई। इसके बाद राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।

यहां उन्होंने मामला राजनीति से प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण बताया। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया है।

राहुल ने 16 दिसंबर, 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राजस्थान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, लोग यहां-वहां, अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बारे में पूछेंगे, लेकिन वे चीन द्वारा 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने, 20 भारतीय सैनिक मारने और अरुणाचल में हमारे सैनिकों की पिटाई के बारे में सवाल नहीं पूछेंगे।

इसी को लेकर सीमा सड़क संगठन के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने लखनऊ में शिकायत दर्ज कराई थी।

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