Supreme Court dismissed the petition of Amarmani Tripathi and his wife

मधुमिता शुक्ला हत्याकांड

नई दिल्ली,25 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में पूर्व उत्तर प्रदेश मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की समयपूर्व रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. मधुमिता शुक्ला, जो उस समय गर्भवती थीं, की 9 मई 2003 को लखनऊ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पीबी वराले की पीठ ने याचिका पर सुनवाई की. पीठ ने कवि की बहन निधि शुक्ला को इस मामले में संबंधित उच्च न्यायालय में जाने का निर्देश दिया. पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से यह भी पूछा कि कौन से मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया गया है, और कहा कि राज्य के फैसले को चुनौती देने का कोई ठोस आधार नहीं है, इसलिए याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया.

अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि को उत्तर प्रदेश कारागार विभाग द्वारा 2018 की छूट नीति के अनुसार समयपूर्व रिहाई का आदेश दिया गया था, क्योंकि उन्होंने 16 साल की सजा पूरी कर ली थी.

यह मामला इसलिए भी खास है क्योंकि अमरमणि त्रिपाठी उस समय मंत्री थे और मधुमिता शुक्ला के साथ उनके संबंध बताए जाते हैं.

त्रिपाठी को सितंबर 2003 में गिरफ्तार किया गया था और बाद में अक्टूबर 2007 में देहरादून की एक अदालत ने उन्हें और उनकी पत्नी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. नैनीताल उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय दोनों ने बाद में सजा को बरकरार रखा. इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने की थी.

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