Supreme blow to Bengal government in teacher recruitment scam

 *हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज*

नई दिल्ली 10 जनवरी,(एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों में 42,000 से अधिक सहायक शिक्षकों के चयन में अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग वाली एक जनहित याचिका की विचारणीयता को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया। जस्टिस एस.के. कौल और ए.एस. ओका ने कहा कि वह पिछले साल जुलाई में पारित हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं है और राज्य सरकार के वकील से कहा कि राज्य सरकार हाईकोर्ट के समक्ष अपना बचाव कर सकती है।

शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी), 2014 के आधार पर प्राथमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षकों की भर्ती में अनियमितता का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई थी। पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने रखरखाव पर सवाल उठाते हुए अपनी प्रारंभिक आपत्ति को खारिज कर दिया था।

राज्य सरकार के वकील ने शीर्ष अदालत के समक्ष तर्क दिया कि एक सेवा मामले में जनहित याचिका सुनवाई योग्य नहीं थी और यह टीईटी के आठ साल बाद दायर की गई है। वकील ने तर्क दिया कि इस मुद्दे पर एक अन्य जनहित याचिका को पहले हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।
शीर्ष अदालत ने कहा, यह राज्य के लिए वहां (एचसी) बचाव के लिए खुला है। कहने की जरूरत नहीं है कि कानून के सभी प्रश्न खुले हैं ..। हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में टीईटी 2014 के आधार पर राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षकों की भर्ती में अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है।

जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि टीईटी 2014 में, 42,897 उम्मीदवारों का चयन किया गया था, लेकिन लिखित परीक्षा या साक्षात्कार में प्राप्त अंकों का खुलासा करने वाली कोई मेरिट सूची प्रकाशित नहीं की गई थी। इसने आगे कहा कि कोई आरक्षित श्रेणीवार सूची प्रकाशित नहीं की गई थी।

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