State Election Commission did not give information about sensitive booths, BSF's big disclosure about violence

कोलकाता 09 Jully (एजेंसी): पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में हिंसा को लेकर सीमा सुरक्षा बल ने राज्य चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप लगाया है। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने राज्य चुनाव आयोग पर जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया है। अधिकारी ने कहा कि संवेदनशील मतदान केंद्रों पर बीएसएफ के बार-बार अनुरोध के बावजूद चुनाव आयोग ने ऐसे बूथों पर केंद्रीय सुरक्षा बलों को कोई जानकारी नहीं दी।

बीएसएफ के डीआइजी एसएस गुलेरिया ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल ने संवेदनशील मतदान केंद्रों की जानकारी मांगने के लिए राज्य चुनाव आयोग को कई पत्र लिखे थे, लेकिन 7 जून को छोड़कर और किसी दिन कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। गुलेरिया ने कहा कि केवल संवेदनशील बूथों की संख्या के बारे में बताया गया, लेकिन उनके स्थान या किसी अन्य जानकारी के बारे में कुछ नहीं बताया गया।

अधिकारी ने आगे कहा कि स्थानीय प्रशासन के आदेश पर बीएसएफ की तैनाती की गई थी। चुनाव ड्यूटी के लिए 25 राज्यों से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और राज्य सशस्त्र पुलिस की 59,000 टुकड़ियां पहुंची थीं, लेकिन संवेदनशील मतदान केंद्रों पर उनका पर्याप्त उपयोग नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य ने केवल 4,834 संवेदनशील बूथ घोषित किए थे, जिन पर केवल सीएपीएफ तैनात थी, जबकि वास्तव में इससे कहीं अधिक संवेदनशील मतदान केंद्र थे।

बता दें, शनिवार यानी आठ जुलाई को बंगाल में पंचायत चुनाव हुए। इस दौरान पूरे राज्य में हिंसा हुई। इसमें 13 लोग मारे गए और कई घायल हो गए। मुर्शिदाबाद, कूच बिहार, मालदा, दक्षिण 24 परगना, उत्तरी दिनाजपुर और नादिया जैसे कई जिलों से बूथ कैप्चरिंग, मतपेटियों को नुकसान पहुंचाने और पीठासीन अधिकारियों पर हमले की खबरें आईं।

बीएसएफ ने बताया कि राज्य चुनाव आयोग ने शनिवार को पश्चिम बंगाल राज्य में 3317 ग्राम पंचायतों, 341 पंचायत समितियों और 20 जिला परिषदों के लिए चुनाव कराने के लिए कुल 61,636 मतदान केंद्र स्थापित किए थे। चुनावों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और अन्य राज्य पुलिस बलों के 59,000 कर्मियों को मतदान केंद्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई, जिसमें 4834 संवेदनशील बूथ भी शामिल हैं, जिन पर केवल सीएपीएफ तैनात थी।

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