*अभियान के तहत 2.22 लाख रुपये का राजस्व अर्जित किया गया*
*डिजिटलीकरण और कारोबार सुगमता पर विशेष ध्यान दिया गया*
नईदिल्ली,30 अक्टूबर (आरएनएस/FJ)। धनबाद में खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) भवन लगभग 114 साल पुराना है और यह धनबाद की सबसे पुरानी विरासत इमारतों में से एक है। भवन को नियमित हाउसकीपिंग और रखरखाव करके अपने मूल रूप में बनाए रखा जा रहा है। इस विशेष अभियान के दौरान, डीजीएमएस, मुख्यालय में 100 साल से अधिक पुराने रिकॉर्ड रूम पर विशेष ध्यान दिया गया क्योंकि इसमें वर्ष 1885 तक की पुरानी फाइलों की सुरक्षित कस्टडी थी।
विशेष अभियान 2.0 के अंतर्गत डीजीएमएस के परीक्षा विंग में डिजिटलीकरण की पहल की जा रही है। इस पहल के पहले चरण के दौरान वर्ष 2014 तक के रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया गया है और शेष डिजिटल किए जाने की प्रक्रिया में हैं। इस अभियान के दौरान डीजीएमएस के विभिन्न कार्यालयों में बेकार पड़ी सामग्रियों के निपटान करने से 2,22,501.00 रुपये का राजस्व अर्जित किया गया है और फाइलों को फिर से व्यवस्थित और सूचीबद्ध करके लगभग 110 वर्ग फुट का स्थान मुक्त किया गया। भारत सरकार की कारोबार सुगमता की नीति के अनुसार इस अभियान के दौरान पांच नियमों में ढील दी गई।
डीजीएमएस के मार्गदर्शन में खनन के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जैसे कोयले की आग से निपटने के लिए अपनाई गई पद्धति, मैन राइडिंग सिस्टम (भूमिगत खान श्रमिकों की थकान को रोकने के लिए), पर्यावरण संरक्षण पहल (जैसे पार्कों का विकास, बंजर भूमि / ओवरबर्डन पर पौधों की विभिन्न प्रजातियों को शामिल करना) खनन कंपनियों द्वारा कार्यान्वित किए गए थे। खदानों में दुर्घटनाओं की संख्या में उल्लेखनीय रूप से कमी आई है। वर्ष 2022 में मृत्यु दर घटकर लगभग 0.15 हो गई। संगठन श्रमिकों को शून्य नुकसान के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए काम कर रहा है।
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