Sorry!After demolishing the house, the Municipal Corporation apologized, saying- did not know about the Supreme Court order

मुंबई ,16 अपै्रल(Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। सांप्रदायिक हिंसा के आरोपियों की संपत्तियों पर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट हिदायतों के बावजूद नागपुर नगर निगम (एनएमसी) ने एक आरोपी का मकान गिरा दिया। अब इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के समक्ष निगम ने बिना शर्त माफी मांगी है।

नगर निगम आयुक्त अभिजीत चौधरी की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि नगर निगम के टाउन प्लानिंग और स्लम विभाग के अधिकारी नवंबर 2023 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अनजान थे।

इसी कारणवश फहीम खान का दो मंजिला मकान 24 मार्च को गिरा दिया गया। यह कार्रवाई नगर निगम की अतिक्रमण विरोधी टीम ने स्थानीय पुलिस की सहायता से की थी, जिसकी तुलना उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में हुई बुलडोजर कार्रवाई से की जा रही है।

बता दें कि फहीम खान माइनॉरिटीज डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के प्रमुख हैं। उन्हें 19 मार्च को नागपुर के महल इलाके में हुई सांप्रदायिक हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन पर आगजनी, पथराव और देशद्रोह जैसे गंभीर आरोप हैं।

यह हिंसा 17 मार्च की रात तब फैली थी, जब यह अफवाह उड़ी कि खुलदाबाद में औरंगजेब की मजार को हटाने की मांग के बीच एक धार्मिक चादर की बेअदबी हुई है।

फहीम खान की मां मेहरुन्निसा और एक अन्य बुजुर्ग अब्दुल हफीज की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति नितिन साम्ब्रे और न्यायमूर्ति वृषाली जोशी की बेंच ने महाराष्ट्र सरकार को दो सप्ताह का समय दिया है।

कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट की हिदायतें स्थानीय अधिकारियों तक क्यों नहीं पहुंचाई गईं। इस मामले में अब अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।

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