नई दिल्ली 20 Sep, (एजेंसी): कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर बहस का नेतृत्व करेंगी। सूत्रों ने कहा कि सोनिया गांधी लंबे समय से प्रतीक्षित इस विधेयक पर पार्टी का नेतृत्व करेंगी और वह इस पर बहस के लिए कांग्रेस की मुख्य वक्ता होंगी। संसद पहुंचीं सोनिया गांधी से जब सरकार द्वारा लोकसभा में विधेयक लाए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ”यह हमारा है, ‘अपना है’। पहले हमने ही यह विधेयक लाया था, जो राज्यसभा में पास हो गया, लेकिन लोकसभा में अटक गया था।”
संविधान (एक सौ अट्ठाइसवां संशोधन) विधेयक, 2023, लोकसभा में कार्य की अनुपूरक सूची में पेश किया गया था। महिला आरक्षण विधेयक में प्रस्तावित किया गया है कि आरक्षण 15 साल की अवधि तक जारी रहेगा और महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों के भीतर एससी और एसटी के लिए कोटा होगा। सूत्रों ने कहा कि हालांकि इस कानून के 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले लागू होने की संभावना नहीं है।
उन्होंने कहा कि इसे परिसीमन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही लागू किया जाएगा, संभवत: 2029 में। परिसीमन प्रक्रिया शुरू होने के बाद आरक्षण लागू होगा और 15 वर्षों तक जारी रहेगा। सरकार ने कहा कि महिलाएं पंचायतों और नगर निकायों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, लेकिन राज्य विधानसभाओं, संसद में उनका प्रतिनिधित्व अभी भी सीमित है। इसमें कहा गया है कि महिलाएं अलग-अलग दृष्टिकोण लाती हैं और विधायी बहस और निर्णय लेने की गुणवत्ता को समृद्ध करती हैं। कांग्रेस ने इस बिल को भाजपा का चुनावी जुमला और देश की महिलाओं और लड़कियों के साथ फरेेब करार दिया है।
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