*एसडीओ रांची ने की कार्रवाई
*औचक निरीक्षण में पायी गयी भारी अनियमितता
*नहीं मेंटेंन किया जा रहा था रजिस्टर
*मिल प्रतिनिधि ने जिला प्रशासन को दी गलत जानकारी
रांची, (दिव्या राजन)
अनुमण्डल पदाधिकारी सदर, राँची श्री दीपक दुबे एवं जिला प्रबंधक, झारखण्ड राज्य खाद्य निगम, राँची द्वारा संयुक्त रूप से श्रेया राईस मिल, नगड़ी का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के क्रम में राइस मिल में कई अनियमितता पायी गयी, जिसके बाद मिल को सील कर दिया गया।
पायी गयी भारी अनियमितता
श्रेया राईस मिल, नगड़ी में व्यवसायिक कार्य दु्रत गति से चल रहा था। यहां खरीफ विपणन मौसम 2021-22 के तहत् किये गये एकरारनामा का सरासर उल्लघंन करते हुए राज्य सरकार का कार्य नहीं किया जा रहा है। तीन चार मजदूरों द्वारा सीएमआर हेतु दिये गये बोरों पर कई तरह के चावलों को मिलाकर पैकेट तैयार किया जा रहा था।
नहीं मेंटेंन किया जा रहा था रजिस्टर
साथ ही कार्यालय में किसी तरह का पंजी संधारित नहीं किया जा रहा था। मिल में स्टॉक पंजी, आगत-निर्गत पंजी किसी तरह के पंजियों का संधारण नहीं किया गया था। मिल के मुंशी, श्री आशीष कुमार यादव के द्वारा बताया गया कि रजिस्टर हेड ऑफिस में है।
मिल प्रतिनिधि ने जिला प्रशासन को दी गलत जानकारी
जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक में श्रेया राईस मिल के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया था कि एक बॉयलर काम नहीं करता है, जबकि दोनों बॉयलर चलते पाये गये एवं धड़ल्ले से चावल तैयार कर अपने ब्रांडेड पैकेट में पैक किया जा रहा था।
जिला प्रशासन के आदेश की अवहेलना
श्रेया राईस मिल द्वारा सरकार के महत्वकांक्षी योजना, जो स्थानीय किसानों के हित में जुड़ा है, उसे प्रभावित किया जा रहा है। जिला आपूर्ति कार्यालय द्वारा स्पष्टीकरण एवं उपायुक्त, रांची द्वारा निदेश दिया गया था बावजूद इसके जिला प्रशासन के आदेश एवं निर्देशों की अवहेलना करते हुए दो माह अर्थात् (60 दिनों) में मिल द्वारा मात्र 04 लॉट सीमएमआर दिया गया, जबकि 42 लॉट सीएमआर दिया जाना चाहिए था। 04 लॉट आरओ के विरूद्ध मात्र 02 लॉट का धान उठाव किया गया। इस गति से कार्य करने से किसान धान (एमएसपीसी) में में नहीं बेच पायेंगे बल्कि थक-हार के मिल के पास औने-पौने दाम में बेचने के लिए मजबूर हो जायेंगे।
श्रेया राईस मिल द्वारा एफसीआई को घटिया (मिलावट वाला) चावल सीएमआर के रूप में भेजा गया है, जो रिजेक्ट पड़ा हुआ है। आपको बतायें कि राज्य सरकार के संकल्प से स्पष्ट निदेश दिया गया है कि मिलर को मात्र 30 प्रतिशत कार्य सरकार का करना है परंतु श्रेया राईस मिल द्वारा आज की तिथि तक 09 प्रतिशत का कार्य ही सरकार के निदेशानुसार नहीं किया गया है।