Shoe-throwing case at CJI Gavai Supreme Court refuses to take action against the accused

नईदिल्ली,27 अक्टूबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई पर जूता फेंकने का प्रयास करने के मामले में सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल कोई कार्रवाई करने से इनकार कर दिया है।

बार एंड बेंच के मुताबिक, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने आरोपी वकील राकेश किशोर को कोई नोटिस नहीं जारी किया। कोर्ट ने मामले में निवारक उपाय सुझाने को कहा है और कहा है कि वह एक सप्ताह बाद इस पर विचार करेगी।

रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने मामले में दायर रिट याचिकाओं को भी खारिज कर दिया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने घटना के बाद आरोपी वकील के शब्दों पर प्रकाश डाला और कहा कि वह घटना का महिमामंडन कर रहा है।

इस पर न्यायमूर्ति कांत ने कहा कि यह कृत्य गंभीर आपराधिक अवमानना है। सीजेआई ने आरोपी को क्षमादान दिया है, लेकिन महिमामंडन का मुद्दा मौजूद है और निश्चित रूप से कुछ दिशानिर्देश तय होंगे।

सुप्रीम कोर्ट में 6 अक्टूबर को एक सुनवाई के दौरान वकील राकेश ने अचानक अपना जूता निकालकर सीजेआई गवई की तरफ फेंकने का प्रयास किया। हालांकि, उसे मौके पर सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया।

सीजेआई ने उस पर कोई कार्रवाई करने से मना कर दिया, लेकिन अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति दी है। आरोपी ने मीडिया में अपने किए पर कोई खेद नहीं जताया। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने उसे निष्कासित कर दिया है।

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