Shared land will be divided among blood relations except husband and wife

हरियाणा ने नया कानून किया लागू

चंडीगढ़ ,21 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। हरियाणा सरकार ने विधानसभा में भू-राजस्व (संशोधन) विधेयक पारित कर दिया गया। जिसके अनुसार अब पति-पत्नी को छोड़कर साझे खाते की जमीन का बंटवारा खून के रिश्तों में भी होगा।

साझा भूमि के विवाद को लेकर सहायक कलेक्टर एवं तहसीलदार की अदालतों में एक लाख से अधिक केस चल रहे हैं। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने दावा किया कि नए कानून से प्रदेश के 14 से 15 लाख किसानों को राहत मिलेगी।

ऐसे में उन सभी मामलों में, जहां कोई रक्त संबंधी सह-स्वामित्वकर्ता संयुक्त भूमि पर हिस्सेदारी की मांग करता है, को राहत के लिए नियमों में नई धारा जोड़ी गई है। पति-पत्नी को छोड़कर यह धारा सभी पर लागू होगी, चाहे साझी भूमि के मालिक खून के रिश्ते में ही क्यों न हों।

अधिनियम की धारा 114 के अनुसार राजस्व अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि कोई अन्य सह-स्वामी अपनी हिस्सेदारी की जमीन का बंटवारा करना चाहते हैं या नहीं। यदि हां तो उन्हें भी बंटवारे के लिए आवेदनकर्ताओं के रूप में जोड़ा जाएगा।

नए कानून के तहत संयुक्त भू-मालिक, चाहे वे खून के रिश्ते में ही क्यों न हों, उन्हें संबंधित सहायक कलेक्टर एवं तहसीलदार के नोटिस जारी करने की तिथि से छह माह के भीतर बंटवारे का राजीनामा पेश करना होगा।

अगर निर्धारित अवधि में सभी संयुक्त भू-मालिकों द्वारा आपसी सहमति से भूमि विभाजन का करार पेश नहीं किया जाता तो राजस्व अधिकारी छह महीने का समय और दे सकते हैं।

यदि सभी संयुक्त भू-मालिकों द्वारा आपसी सहमति से भूमि विभाजन का करार पेश किया जाता है, तो संशोधित अधिनियम की धारा 111-क (3) के अंतर्गत भूमि के विभाजन का इंतकाल धारा 123 के प्रविधान के अंतर्गत कर दिया जाएगा।

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