Shahnawaz Hussain gets relief from Supreme Court

*रेप केस में एफआईआर के आदेश पर लगाई रोक*

नई दिल्ली ,22 अगस्त (आरएनएस/FJ)।  रेप केस में फंसे भाजपा के सीनियर नेता शाहनवाज हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें उसने आदेश दिया था कि शाहनवाज हुसैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को इस मामले में तीन महीने में जांच रिपोर्ट सौंपने को भी कहा था। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ शाहनवाज हुसैन ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया था और कहा था कि इससे उनकी छवि खराब होगी।

जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने इस मामले में दिल्ली सरकार समेत सभी पक्षों को नोटिस भी जारी किए हैं और इस मसले पर उनका जवाब मांगा है। फिलहाल अदालत ने इस मामले की सुनवाई सितंबर के तीसरे सप्ताह तक के लिए टाल दी है। इससे पहले 17 अगस्त को दिल्ली उच्च न्यायालय ने शाहनवाज हुसैन की ट्रायल कोर्ट के फैसले चुनौती देने वाली अर्जी को खारिज कर दिया था। अदालत ने यह कहते हुए उनकी अर्जी खारिज कर दी थी कि इसका कोई आधार नहीं बनता। इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि वह इस एफआईआर दर्ज करे और तीन महीने के अंदर जांच की रिपोर्ट सौंपे।

बता दें कि 2018 में दिल्ली की एक महिला ने निचली अदालत में अर्जी दाखिल की थी और शाहनवाज हुसैन के खिलाफ रेप का आरोप लगाया हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। महिला की अर्जी पर 7 जुलाई, 2018 को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने महिला के खिलाफ एफआईआर का आदेश दिया था, जिसे शाहनवाज हुसैन ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी, जहां अर्जी खारिज हो गई थी। इसके बाद वह उच्च न्यायालय पहुंचे थे, लेकिन वहां भी राहत नहीं मिल पाई थी। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की ओर से शाहनवाज हुसैन को अंतरिम राहत मिल गई है। अब सितंबर के तीसरे सप्ताह में होने वाली सुनवाई पर सभी की नजरें हैं।

***********************************

इसे भी पढ़ें : मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *