Security forces start operation to eliminate TRF in Jammu and Kashmir

जम्मू 06 Dec, (एजेंसी): गृह मंत्रालय (एमएचए) का ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) को आतंकवादी संगठन घोषित करते हुए उसके सफाए के लिए अंतिम कार्रवाई शुरू का दी है। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकवादी समूह की एक शाखा है। गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में लश्कर के मोहम्मद अमीन उर्फ अबू खुबैब को भी आतंकवादी घोषित किया है, जो जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखता है।

माना जाता है कि मोहम्मद अमीन उर्फ अबू खुबैब अफगानिस्तान से काम करता है और जम्मू क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।

एमएचए के अनुसार टीआरएफ जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए ऑनलाइन मीडिया के माध्यम से युवाओं को उग्रवाद में भर्ती कर रहा है। यह संगठन आतंकी गतिविधियों पर दुष्प्रचार करने में भी शामिल रहा है।

टीआरएफ आतंकवादियों की भर्ती और घुसपैठ और आतंकवाद को हवा देने के लिए पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल है।

अधिसूचना में कहा गया है, टीआरएफ जम्मू और कश्मीर के लोगों को भारतीय राज्य के खिलाफ आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए उकसाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहा है।

गृह मंत्रालय ने कमांडर शेख सज्जाद गुल को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत आतंकवादी घोषित किया है।

टीआरएफ की गतिविधियों को राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की संप्रभुता के लिए हानिकारक बताते हुए अधिसूचना में कहा गया है कि टीआरएफ के सदस्यों और सहयोगियों के खिलाफ बड़ी संख्या में मामले दर्ज किए गए हैं।

गृह मंत्रालय ने जोर देकर कहा, केंद्र सरकार का मानना है कि संगठन आतंकवाद में शामिल है और इसने देश भर में आतंक के विभिन्न कृत्यों को अंजाम दिया है और इसमें भाग लिया है।

टीआरएफ 2019 में लश्कर के प्रॉक्सी संगठन के रूप में अस्तित्व में आया।

टीआरएफ ने प्रवासी सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ धमकियां जारी करने के अलावा स्थानीय अखबारों के संपादकों सहित स्थानीय पत्रकारों को भी धमकी दी है।

खुफिया एजेंसियों का कहना है कि मोहम्मद अमीन उर्फ अबू खुबैब, जो जम्मू-कश्मीर का है, लेकिन अब पाकिस्तान में रहता है, लश्कर के लॉन्चिंग कमांडर के रूप में काम कर रहा है। उसने आतंकवादी गतिविधियों को पुनर्जीवित करने और तेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सीमा पार एजेंसियों के साथ एक नेटवर्क तैयार किया है।

खुफिया एजेंसियों का दावा है, वह आतंकवादी हमलों के समन्वय में शामिल है, सीमा पार से हथियारों और विस्फोटकों की आपूर्ति और आतंक के वित्तपोषण में शामिल है।

गृह मंत्रालय की अधिसूचना के बाद प्रशासन प्रतिबंधित संगठन के कैडर की संपत्तियों, बैंक खातों और अन्य संपत्तियों चल और अचल को जब्त और कुर्क कर सकता है। इसके अलावा प्रशासन प्रतिबंधित संगठनों और व्यक्तियों की गतिविधियों को कुचलने के लिए विभिन्न विकल्पों की तलाश कर रहा है।

गृह मंत्रालय का यह फैसला राजौरी जिले के धंगरी गांव में हुए आतंकी हमले के बाद आया है, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के छह नागरिकों की दो आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी, जबकि दर्जन भर से अधिक लोग घायल हो गए थे।

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने राजौरी हमलों के लिए जिम्मेदार दो आतंकवादियों की सूचना देने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पीड़ितों के परिजनों को सरकारी नौकरी व 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

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