नई दिल्ली 10 Oct, (एजेंसी) : नए शोध में खुलासा हुआ है कि वैश्विक तापमान अगर पूर्व-औद्योगिक स्तर से दो डिग्री सेल्सियस बढ़ जाता है, तो उत्तर भारत और पाकिस्तान में रहने वाले लोगों को लंबे समय तक अधिक गर्मी का अनुभव हो सकता है। प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी आफ साइंसेज (पीएनएएस) जर्नल में प्रकाशित शोध से संकेत मिलता है कि ऐसे परिदृश्य में उत्तर भारत, पूर्वी पाकिस्तान, पूर्वी चीन और उप-सहारा अफ्रीका को मुख्य रूप से हाई ह्मयूमिडिटी वाली गर्म हवाओं का सामना करना पड़ेगा। उच्च आर्द्रता वाली गर्म हवाएं अधिक खतरनाक हो सकती हैं।
यह सीमा मानव शरीर की पसीने को वाष्पित करने की क्षमता को सीमित करती है और कूलर जैसे उपायों की नमी की मात्रा को प्रभावित करती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस क्षेत्र में निम्न-से-मध्यम आय वाले देश हैं, जिसका अर्थ है कि कई प्रभावित व्यक्ति अत्यधिक गर्मी के प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने के लिए एयर कंडीशनिंग या अन्य प्रभावी उपायों से वंचित रह सकते हैं।
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