RSS chief Mohan Bhagwat said on caste system – need to change heart and mind

कानपुर ,09 अक्टूबर (आरएनएस/FJ)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत, जिन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में जाति व्यवस्था को खत्म करने की बात कही थी, रविवार को कानपुर में महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर वाल्मीकि समुदाय के पास पहुंचे।

जाति व्यवस्था पर फिर से टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि अधिकार देने का कानून अकेले बदलाव नहीं ला सकता है, बल्कि इसके लिए दिमाग और दिल को बदलने की जरूरत है। संघ प्रमुख यहां ऐतिहासिक फूलबाग मैदान में बोल रहे थे। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि देश को संविधान देते समय डॉ. भीमराव अंबेडकर ने टिप्पणी की थी कि पिछड़े माने जाने वाले अब ऐसे नहीं रहेंगे क्योंकि वे कानून द्वारा समान हैं और दूसरों के साथ बैठेंगे।

उन्होंने कहा, तथ्य यह है कि कानून स्थापित करने से सब कुछ नहीं होगा, दिल और दिमाग को बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा, कानून ने राजनीतिक और आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान की है।

उन्होंने कहा कि जाति व्यवस्था तब तक खत्म नहीं होगी जब तक सामाजिक स्वतंत्रता हासिल नहीं हो जाती। भागवत ने कहा कि पहला वाल्मीकि मंदिर नागपुर में खोला गया था और वह वहां गए थे।

उन्होंने यह भी कहा कि वर्ण (जाति व्यवस्था) की अवधारणा को भुला दिया जाना चाहिए क्योंकि यह अतीत की बात थी। उन्होंने समुदाय के सदस्यों से संघ की शाखाओं में शामिल होने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, संघ वाल्मीकि समुदाय के साथ मजबूती से खड़ा है। हम अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमताओं के साथ आपके साथ हैं, हमारे कार्यकर्ता किसी भी मुद्दे पर मदद के लिए हैं।

भागवत ने पहले महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। वह दो दिवसीय यात्रा पर संघ के घोष शिविर (म्यूजिकल बैंड कैंप) में भाग लेने के लिए कानपुर पहुंचे थे।

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