Revelations in the charge sheet filed in the sexual abuse case, while running away from the clutches of Minister Sandeep Singh, the female coach was injured

नई दिल्ली 06 Sep, (एजेंसी)- जूनियर महिला कोच के यौन शोषण मामले में फंसे हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह को लेकर दाखिल चार्जशीट में नए खुलासे सामने आ रहे है। जानकारी के अनुसार मंत्री संदीप सिंह के बयान चार्जशीट में मौजूद तथ्यों से मेल नहीं खा रहे।

आरोपी मंत्री के मुताबिक, पीड़िता सीन ऑफ क्राइम मंत्री की कोठी पर सिर्फ 15 मिनट ही रुकी थी जबकि कैब सेवा देने वाली कंपनी उबर से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़िता मंत्री की कोठी में एक घंटे से ज्यादा समय तक मौजूद रही थी। वहीं, पुलिस के साथ क्राइम सीन का दौरा करने पर पीड़िता ने संदीप सिंह के ऑफिस, उसके साथ जुड़े कमरे, बेडरूम और इससे जुड़े रास्ते की भी पहचान की थी।

पुलिस के मुताबिक इससे साफ है कि पीड़िता पहले भी वहां आई थी। संदीप सिंह का कहना था कि कोच सिर्फ उनके मुख्य ऑफिस में ही आई थी जबकि साथ जुड़े केबिन और बेडरूम में नहीं गई थी। वहीं, हरियाणा के तत्कालीन खेल निदेशक पंकज नैन के मुताबिक संदीप सिंह पीड़िता में खास दिलचस्पी दिखा रहे थे। पीड़िता ने उन्हें संदीप सिंह की तीन बार शिकायत की थी। मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को है।

चार्जशीट के मुताबिक पीड़िता सीआरपीसी की धारा 164 के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट को दिए अपने बयान पर कायम रही। कई गवाहों ने पीड़िता के बयान का समर्थन किया। सीएफएसएल से प्राप्त रिपोर्ट में कुछ चैट, वॉयस और कॉल रिकार्डिंग सामने आईं, जिनसे पता चला कि पीड़िता ने घटना की जानकारी कुछ लोगों को दी थी। राज मित्तल नामक व्यक्ति से 16 जुलाई को फोन पर बात के बाद कोच ने सिर पर लगी चोट वाली फोटो भी उसे भेजी थी। इसमें कोच के सिर पर बैंडेज लगी थी।

पीड़िता के मुताबिक आरोपी संदीप सिंह से बचने के दौरान उसका सिर टेबल से टकरा गया था, जिससे उसे चोट आई थी। वहीं, कुछ गवाहों के बयान से निकल कर आया कि मंत्री संदीप सिंह समेत खेल विभाग के अन्य कर्मियों द्वारा पीड़िता का मानसिक शोषण किया जा रहा था। वहीं, खेल विभाग के कर्मियों के बयान व ऑफिस रिकॉर्ड से पता चला कि किसी प्रभाव के चलते पीड़िता की नियुक्ति में देरी हो रही थी और उसका तबादला पंचकूला से झज्जर किया जा रहा था।

चार्जशीट के मुताबिक पीड़िता के मोबाइल के स्क्रीनशॉट संदीप सिंह को दिखाने पर उन्होंने माना था कि उनकी और पीड़िता की स्नैपचैट पर बात हुई थी। वहीं, एफआईआर दर्ज होने से तीन दिन पहले 28 दिसंबर 2022 की एक कॉल रिकार्डिंग में भी संदीप सिंह ने माना कि उसमें पीड़िता और उसकी आवाज है।

मंत्री के मुताबिक एक जुलाई 2022 को उनके सेक्टर-7 स्थित सरकारी आवास पर एक संतरी के अलावा तीन से चार सुरक्षाकर्मी और तीन से चार किचन स्टाफ/ कुक मौजूद थे। रिप्रेजेंटेशन में संदीप सिंह ने कहा कि वह पहली बार पीड़िता से मार्च-अप्रैल 2022 में ताऊ देवी लाल स्टेडियम में मिले थे जबकि बयान में कहा कि मार्च में वह अपने घर पर पीड़िता से मिले थे। ये भी कहा कि पीड़िता ने उनके पीए से 31 दिसंबर 2021 को बात की थी, मगर बयान में कहा कि इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

संदीप सिंह यह भी नहीं बता पाए कि उन्होंने पीड़िता को मिलने के लिए ऑफिस टाइम छोड़कर देर शाम क्यों बुलाया था? वहीं पुलिस ने यह भी कहा है कि मामले में पीड़िता के कुछ आरोप जांच के दौरान सिद्ध नहीं हो पाए। पुलिस ने कहा है कि स्नैपचैट पर दोनों के बीच नियमित रूप से बातचीत होती थी। स्नैपचैट का डाटा न निकल पाने के चलते पीड़िता के कई आरोप तकनीकी दिक्कतों के चलते साबित नहीं हो सके। वहीं पीड़िता की कई गवाहों से हुई चैट से सामने आया है कि वह काफी मानसिक तनाव में थी। उसने आरोप लगाया था कि संदीप सिंह ने उसके लिए विपरीत माहौल पैदा कर दिया है।

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