Relief camps to continue till flood situation in Delhi returns to normal Congress

नई दिल्ली, 16  जुलाई (एजेंसी)।  दिल्ली में बाढ़ के बिगड़ते स्वरुप के कारण दिल्लीवासियों को बड़े पैमाने पर राहत देने के लिए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार  के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने मजनु का टिला राहत शिविर कैंप का दौरा किया और पीडि़तों को खाना वितरित किया। मीडिया को संबोधित करते हुए  चौधरी ने कहा कि दिल्ली में बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों की स्थिति जब तक सामान्य नहीं हो जाती कांग्रेस के राहत शिविर जारी रहेंगे। इस दौरान पूर्व सांसद व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष  जय प्रकाश अग्रवाल, पूर्व मंत्री  अरविंदर सिंह लवली, पूर्व मंत्री  हारून युसूफ, पूर्व विधायक  अनिल भारद्वाज, जिलाध्यक्ष श्री मिर्जा जावेद मौजूद रहे।

पीडि़तों को राहत पहुंचाने में दिल्ली सरकार के फेल होने के दावा करते हुए पूर्व सांसद व दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष  जय प्रकाश अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में दिल्ली में जो भयावह परिस्थिति बनी हुई है उसमें दिल्ली कांग्रेस तू – तू मैं मैं में नहीं पडऩा चाहती। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि दिल्ली में पहली बार पानी आया है इसके पहले भी दिल्ली में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई थी और तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद  ने और पूर्व प्रधान मंत्री  इंदिरा गांधीजी ने दिल्ली के जमुना पार के इलाकों का दौरा किया और लोगों के राहत के लिए कई बड़े फैसले लिए। कांग्रेस की पूर्व सरकार ने कभी भी दिल्ली को दिल्लीवालों के हाल पर कभी नहीं छोड़ा।

स्व. शीला दीक्षित के सरकार में छह महीने पहले तैयारी हो जाती थी। सिर्फ आरोप प्रत्यारोप की राजनीति हो रही है।इसके पश्चात दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री  अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि वर्तमान में दिल्ली चार राजनीतिक पार्टियां हैं एक बीजेपी, एक आम आदमी पार्टी और एक कांग्रेस के साथ एक नई पार्टी है जो अफसरों की पार्टी है। सरकार दिल्ली को लेकर अलग दावा करती है तो अफसर अलग प्रेस वार्ता करते हैं।

दिल्ली कांग्रेस वर्तमान परिस्थिति पर कोई राजनीति नहीं करना चाहती लेकिन हालात ऐसे उत्पन्न हो गए हैं कि सच्चाई दिखाना आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि वर्तामन सरकार ने दिल्ली के ऐपेक्स कमेटी का अस्तित्व खत्म कर दिया है। इस कमेटी का मुखिया मुख्यमंत्री होता है, उसके साथ दिल्ली से सटे राज्यों के सिंचाई विभाग के मुख्य सिचव सदस्य होते हैं और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी इसके सदस्य होते हैं। हर साल जनवरी फरवरी के महीने में यह बैठक होना आवश्यक है लेकिन केजरीवाल ने पिछले 10 सालों में कोई बैठक नहीं की।

केजरीवाल सरकार ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों की नियुक्ति बाढ़ नियंत्रण की जगह अवैध कॉलोनियों में सड़क निर्माण कार्य पर लगा दी है। केजरीवाल ने खुद दिल्ली में बाढ़ को आमंत्रित किया है।उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने बाढ़ से बचाव को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई है। एनडीआरएफ के मदद का हवाला तो दे रहे हैं लेकिन डीडीआरएफ के नोडल ऑफिसर की नियुक्ति नहीं की। अगर केजरीवाल समय रहते ऐपेक्स कमेटी की बैठक कर निगरानी रखते तो आज दिल्ली वालों को इस बुरे दौर से गुजरना नहीं पड़ता।

दिल्ली में जब कांग्रेस की सरकार थी तो स्व. शीला जी छह महीने पहले ऐपेक्स कमेटी की बैठक बुलाती थी और शहरी विकास मंत्री के साथ साथ पड़ोसी राज्यों के सिंचाई विभाग के अधिकारियों समनव्य रखते हुए बरसात से पहले नालों और नदियों से गाद निकालने का काम पूरा कर लिया जाता था। आज केजरीवाल ने दिल्ली में बाढ़ को खुद आमंत्रित किया है और उनकी लापरवाही ने दिल्ली को बदहाल कर दिया है।

हारून युसूफ ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने भाजपा और आम आदमी पार्टी ने फुटबॉल बना दिया है। अरविंद केजरीवाल और उनके योग्य मंत्री चाहते तो दिल्ली की जनता को बाढ़ से बचाया जा सकता था। केजरीवाल ने दिल्ली के बच्चों के बचपन को पानी में बहा दिया। मानसून से पूर्व कांग्रेस सरकार के मंत्री जमुना पार के क्षेत्रों का दौरा करते थे और मानसून ऐक्शन प्लान को गंभीरता से लेते हुए समय रहते हुए कार्य पूरा कर लेते थे।

आज केजरीवाल सिर्फ स्वार्थ की राजनीति कर रहे हैं। दिल्ली को बर्बाद करने में केजरीवाल और भाजपा बराबर के जिम्मेवार हैं। अनिल भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में वाद – विवाद है लेकिन सरकारों में आपसी संवाद नहीं है और यही कारण है कि इनके आपसी विवाद और संवादहीनता ने दिल्ली को पानी पानी कर दिया।

उन्होंने दिल्ली सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार तुरंत बाढ़ पीडि़तों के बैंक खाते में दस दस हजार रुपए डाले और राहत पैकेज के तर्ज पर दस दस लाख रुपए मुहैया कराए जिससे पीडि़तों के नुकसान की भरपाई हो सके।

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