देहरादून 24 April, (एजेंसी): उत्तराखंड चार धाम यात्रा की शुरुआत शनिवार 22 अप्रैल से शुरू हो गई है। कल यानि 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुल जाएंगे। ऋषिकेश और हरिद्वार में पिछले कई दिनों से खराब मौसम के कारण उत्तराखंड सरकार ने केदारनाथ धाम यात्रा के श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन 30 अप्रैल तक बंद कर दी है।
उत्तराखंड सीएम पुष्कर धामी ने भी यात्रियों से अपील की है कि मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुये अपनी यात्रा की शुरुआत करें। बर्फबारी होने के बाद जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं से मौसम के अनुसार यात्रा करने की अपील की है। जिला प्रशासन की टीम की ओर से कहा गया है कि श्रद्धालु मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए यात्रा की तैयारी करें। खराब मौसम को देखते हुए गढ़वाल कमिश्नर ने केदारनाथ के रजिट्रेशन पर रोक लगाई है। मौसम की स्थिति स्पष्ट होने के बाद फिर से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। बता दें, सनातन धर्म में चार धाम यात्रा का विशेष महत्व है। ऐसे में हर साल हजारों की संख्या में केदारनाथ धाम पहुंचते हैं।
वहीं कपाट खुलने से पहले बाबा केदार के पौराणिक मंदिर को सजाया जा रहा है। केदारनाथ मंदिर को सजाने कद लिए 23 कुंतल से ज्यादा तरह तरह के फूल लाये गए हैं। सुबह से ही मंदिर समिति द्वारा कई लोगों को मंदिर को सजाने के काम में लगाया गया है। केदारनाथ धाम में आज सुबह चटक धुप खिली है लेकिन धाम में पल-पल मौसम बदल रहा है जिससे दिक्कतें बढ़ रही है, वहीं सुबह से ही बड़ी सख्या में बाबा के भक्त केदारनाथ पहुंचने लगे हैं, वहीं शाम तक बाबा की उत्सव डोली भी धाम पहुंच जाएगी और 25 अप्रैल सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर बाबा के कपाट खुल जाएंगे।
दरअसल पिछले कुछ दिनों से केदारनाथ धाम में लगातार बर्फबारी हो रही है। ऐसे में बर्फबारी के चलते धाम में प्रशासन की ओर से उचित व्यवस्था नहीं हो पायी है। बता दें, केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार को सुबह 6:25 बजे खुलने वाले हैं। बता दें, शनिवार 22 अप्रैल को यमुनोत्री व गंगोत्री के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा प्रारंभ हो गयी। शीत ऋतु में गंगोत्री और यमनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद 25 अप्रैल को और 27 अप्रैल को बद्रीनाथ के कपाट भी खोल दिए जाएंगे और दर्शन शुरू होंगे।
उत्तराखंड के चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री हर साल शीत ऋतु में 6 महीने के लिए बंद कर दिए जाते हैं। भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि शीतकालीन प्रवास मुखवा से 21 अप्रैल 2023 को मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई थी। 22 अप्रैल 2023 को गंगोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:35 पर खुल चुके हैं। बता दें कि गंगोत्री धाम पट खोलने से पहले सहस्त्रनाम गंगा लहरी का पाठ किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि गंगोत्री में स्थित गौरीकुंड में माता पार्वती खुद भगवान शिव की परिक्रमा करती हैं।
27 अप्रैल 2023 के दिन सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर भक्तगण बद्रीनाथ के दर्शन कर पाएंगे। धार्मिक मान्यता के अनुसार बद्रीनाथ धाम के दर्शन के बिना चार धाम की यात्रा पूरी नहीं मानी जाती। भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक नर और नारायण ऋषि की तपोभूमि है बद्रीनाथ। प्रचलित मान्यता के अनुसार जो जाए बदरी वो ना आए ओदरी। अर्थात जो व्यक्ति एक बार बद्रीनाथ के दर्शन कर लेता है वो मोक्ष की प्राप्ति कर लेता है। फिर दोबारा उसका जन्म नहीं होता।
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