Rajnath Singh made Swastika and handed over C-295 aircraft to Air Force, will replace HS-748 Avro

नई दिल्ली 25 Sep, (एजेंसी): रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट पर स्वास्तिक बनाकर उसे भारतीय वायु सेना में शामिल किया। गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर भारतीय संस्कृति के तहत विधिवत पूजा व मंत्र उच्चारण के बीच यह विमान भारतीय वायु सेवा में शामिल किया गया। सी-295 एयरक्राफ्ट भारतीय वायु सेना के सबसे आधुनिकतम ट्रांसपोर्ट विमानो में से एक है।

सी-295 मीडियम लिफ्ट स्ट्रैटेजिक एयरक्राफ्ट को वायु सेना के सुपुर्द करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह मीडियम लिफ्ट सामरिक विमान बिना तैयार लैंडिंग ग्राउंड (अनप्रिपेयर लैंडिंग ग्राउंड) से उड़ान भरने और उतरने में सक्षम है।

रक्षा मंत्री ने बताया कि सी-295 मीडियम लिफ्ट स्ट्रैटेजिक एयरक्राफ्ट अब वायु सेना के एचएस-748 एवरो विमान की जगह लेगा। उन्होंने कहा कि सी-295 के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की मध्यम लिफ्ट सामरिक क्षमता में वृद्धि होगी। रक्षा मंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। भारत ने यह विमान यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए खरीदा है। विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेना को स्पेन में दी गई थी।

सोमवार को इसे हिंडन एयरबेस पर वायु सेना में शामिल कर लिया गया। इससे पहले हिंडन वायुसेना एयरबेस पर एक खास ड्रोन शो हुआ। गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर यह ‘भारत ड्रोन शक्ति’ कार्यक्रम 26 सितंबर तक चलेगा। ड्रोन शक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत, ड्रोन के 50 से अधिक लाइव हवाई प्रदर्शन किए गए।

इसके उपरांत हिंडन एयरबेस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय वायु सेना को पहला सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सौंपा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक ‘भारत ड्रोन शक्ति’ के दौरान बेहतरीन ड्रोन की उड़ानों का प्रदर्शन किया गया। साथ ही साथ कई नए एवं आधुनिक उत्पाद लॉन्च हो रहे हैं। देशभर के 75 से ज्यादा ड्रोन स्टार्टअप और कॉरपोरेट्स इस ‘भारत ड्रोन शक्ति’ कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी मौजूद रहे।

भारतीय वायु सेना का पहला सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बुधवार को ही भारत पहुंचा है। यह विमान गुजरात में वडोदरा के वायु सेना स्टेशन पर उतरा था। वायु सेना के मुताबिक यह एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। विशेषज्ञों मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है।

एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है। एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है जबकि शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे।

सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है। सी-295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में बीते छह दशक पहले सेना में आए थे।

सी-295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता। टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बन कर तैयार होगा।

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