Rahul Gandhi said in Paris, it is written in the Constitution India means Bharat

पेरिस ,10 सितंबर (एजेंसी)। अंग्रेजी में भी इंडिया की जगह भारत शब्द के इस्तेमाल को लेकर विपक्ष और सत्तारूढ़ भाजपा के बीच जारी विवादों के संदर्भ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि संविधान में देश के नाम के बारे में लिखा है ‘इंडिया, यानि भारत राज्यों का एक संघ होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी भी आवाज को दबाया या धमकाया नहीं जाए।

फ्रांस की राजधानी पेरिस में साइंसेज पो विश्वविद्यालय में छात्रों और संकाय के साथ बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, हमारे संविधान में, भारत को ‘इंडिया, यानि भारत- राज्यों का एक संघÓ के रूप में परिभाषित किया गया है। इसलिए, ये राज्य एक साथ आकर इंडिया या भारत बने हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन राज्यों में शामिल सभी लोगों की आवाज़ जोर से और स्पष्ट रूप से सुनी जाती है और किसी भी आवाज को कुचला या धमकाया नहीं जाता है।

उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार हमारे गठबंधन (आई.एन.डी.आई.ए.) के नाम से चिढ़ गई है। अब, उन्होंने देश का नाम बदलने का फैसला किया है। लोग अजीब तरीके से व्यवहार करते हैं।

केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद ने कहा, मेरा अनुभव यह है कि चाहे लोग गरीब हों या अमीर, उन्हें इस बात की समझ है कि भारत को क्या करना चाहिए, भारत को कहां जाना चाहिए। मेरे लिए पहला कदम उस आवाज की रक्षा करना है, और यह सुनिश्चित करना कि आवाज की रक्षा करने वाली संस्थाएं, संरचनाएं काम कर रही हैं और उनकी रक्षा की जा रही है।

उन्होंने कहा, जब हम ‘लोकतंत्रÓ जैसे शब्दों का उपयोग करते हैं, तो हम वास्तव में लोगों की आवाज़ के बारे में बात कर रहे होते हैं। और उस आवाज़ को प्रभावी ढंग से सुनना, उस आवाज़ की अभिव्यक्ति को अनुमति देना किसी भी सफलता के मूल में है। इसका आधार यह विचार है कि हम हमारे सभी लोगों की आवाज़ों की रक्षा करते हैं ।

सांसद ने कहा, महात्मा गांधी ने कहा था कि सबसे महत्वपूर्ण आवाज वह है जो पंक्ति में अंतिम है, उसे सुनने वाला राष्ट्र सफल होगा।
यह पूछे जाने पर कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में भारत किसके पक्ष में है, गांधी ने कहा, इसलिए, जब आप भारत जैसे बड़े देश की बात कर रहे हैं तो हमें कई अलग-अलग देशों के साथ संबंध बनाने होंगे। मुझे लगता है कि यह कहना सरलीकरण है कि आप किसके पक्ष में हैं। इसका सीधा जवाब यह है कि हम अपने पक्ष में हैं। एक राष्ट्र के रूप में हम अपने हित में काम करते हैं और अपने हित के संबंध में जो भी हमें उपयुक्त लगता है, हम वही करते हैं।

उन्होंने आगे कहा, हमारे जैसे बड़े देश के लिए इसका उत्तर देना बहुत मुश्किल हो जाता है। लेकिन, हमारा दृढ़ विचार है कि आवाज और लोकतंत्र महत्वपूर्ण हैं। भारतीय लोगों बुनियादी रूप से बहुत सी जटिलताओं से निपटने के लिए बने हैं।

चीन पर हमला करते हुए सांसद ने कहा, आज, अधिकांश उत्पादन, विनिर्माण और मूल्यवर्धन चीन में किया जाता है। यह एक वैश्विक समस्या है। यह भारत, यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक समस्या है। मेरे विचार में जिस तरह से चीन ने इसे हासिल किया है, उसमें एक समस्या है।

हमें लोकतांत्रिक और गैर-जबरन माहौल में उत्पादन के बारे में सोचने की ज़रूरत है। हमें अपने लोगों को राजनीतिक और आर्थिक स्वतंत्रता देकर चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होगी। इसलिए यह चुनौती है। मैं इसे चीन के साथ टकराव के रूप में नहीं देखता।
गांधी रविवार को नीदरलैंड पहुंचे। वह लीडेन विश्वविद्यालय में एक इंटरैक्टिव सत्र आयोजित करेंगे।

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