Prime Minister Narendra Modi Infinite challenges in the ocean, India's answer is Vikrant

 *देश को सौंपा पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत स्वदेशी ‘बाहुबली’*

नई दिल्ली 02 Sep. (Rns/FJ): भारतीय नौसेना के लिए आज दिन अहम है। नौसेना में पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत शामिल हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में इसे देश को समर्पित कर दिया। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद हैं।

INS विक्रांत को भारतीय नौसेना में शामिल करने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि आज यहां केरल के समुद्री तट पर भारत, हर भारतवासी, एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है। विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है। विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है। विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है। ये 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। INS विक्रांत पर हो रहा ये आयोजन विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है।

पीएम मोदी ने नौसेना में महिलाओं को शामिल किए जाने को लेकर कहा कि अब भारतीय नौसेना ने अपनी सभी शाखाओं को महिलाओं के लिए खोलने का फैसला किया है। जो पाबंदियां थीं वो अब हट रही हैं। जैसे समर्थ लहरों के लिए कोई दायरे नहीं होते, वैसे ही भारत की बेटियों के लिए भी अब कोई दायरे या बंधन नहीं होंगे।

Prime Minister Narendra Modi Infinite challenges in the ocean, India's answer is Vikrant

पीएम मोदी ने कहा कि यदि लक्ष्य दुरन्त हैं, यात्राएं दिगंत हैं, समंदर और चुनौतियां अनंत हैं- तो भारत का उत्तर है विक्रांत। आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रांत। आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रांत।

Prime Minister Narendra Modi Infinite challenges in the ocean, India's answer is Vikrant

मोदी ने कहा कि INS विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है। ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है। इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है।

एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत की कमीशनिंग समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘अमृतकाल’ के प्रारंभ में INS विक्रांत की कमीशनिंग अगले 25 वर्षों में राष्ट्र की सुरक्षा के हमारे मजबूत संकल्प को दर्शाती है। INS विक्रांत आकांक्षाओं और आत्मनिर्भर भारत का एक असाधारण प्रतीक है। उन्होंने कहा कि INS विक्रांत के आने से नौसेना की ताकत बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि आप सभी नौसेना की परंपराओं से अवगत हैं, ओल्ड शिप्स नेवर डाई। 1971 के युद्ध में अपनी शानदार भूमिका निभाने वाले विक्रांत का यह नया अवतार, ‘अमृत-काल’ की उपलब्धि के साथ-साथ हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और बहादुर फौजियों को भी एक विनम्र श्रद्धांजलि है। रक्षा मंत्री ने कहा कि हम एक मुक्त, खुला, समावेशी इंडो-पैसिफिक में विश्वास रखते हैं। इस संबंध में हमारे प्रयास प्रधानमंत्री की दृष्टि SAGAR यानी सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन दा रीजन’ से निर्देशित है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल गुरुवार को कोच्चि पहुंचे और आज कोचीन शिपयार्ड में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित और अत्याधुनिक स्वचालित यंत्रों से लैस युद्धपोत का जलावतरण करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी इस अवसर पर औपनिवेशिक अतीत को खत्म करते हुए नए नौसेना ध्वज (निशान) का भी अनावरण करेंगे। पीएम मोदी ने दो सितंबर की तारीख को रक्षा क्षेत्र में आत्मानिर्भर बनने की दिशा में भारत के प्रयासों के लिए एक ऐतिहासिक दिन बताया है क्योंकि देश में डिजाइन और निर्मित किए गए पहले विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को सेवा में शामिल किया जाएगा।

इस अवसर पर पीएम मोदी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, एर्नाकुलम के सांसद हिबी ईडन, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर। हरी कुमार और नौसेना और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के शीर्ष अधिकारी सहित कई गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

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