PM Modi said at the launch of Jagmagai Ayodhya, Deepotsav

*यह आयोजन सांस्कृतिक जागरण का प्रतिबिंब*

अयोध्या 23 Oct. (Rns/FJ)- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश में श्रीरामनगरी अयोध्या में छठे दीपोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए भारत के जन जन की आस्था के केन्द्र श्रीराम के आदर्शोँ को कर्तव्य बोध का प्रतीक बताया। उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया, “राम कर्तव्य-भावना से मुख नहीं मोड़ते हैं। भगवान राम के आदर्शों पर चलना सभी भारतीयों का कर्तव्य है।

मोदी ने यहां दीपोत्सव का उद्घाटन करने से पूर्व रामकथा पार्क में भगवान राम का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही। प्रधानमंत्री मोदी ने वर्तमान परिस्थितियों में श्री राम के आदर्शों के व्यवहारिक स्वरूप की भी व्याख्या की। उन्होंने कहा, “राम किसी को पीछे नहीं छोड़ते हैं। राम कर्तव्य-भावना से मुख नहीं मोड़ते हैं। इसलिए, राम, भारत की उस भावना के प्रतीक हैं, जो मानती है कि हमारे अधिकार हमारे कर्तव्यों से स्वयं सिद्ध हो जाते हैं।”

उन्होंने कहा कि भगवान राम ने अपने वचन में, अपने विचारों में, अपने शासन में, अपने प्रशासन में जिन मूल्यों को गढ़ा, वो ‘सबका साथ-सबका विकास’ की प्रेरणा है। साथ ही भगवान राम के मूल्य ‘सबका विश्वास-सबका प्रयास’ का आधार भी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “जब श्रीराम का अभिषेक होता है, तो हमारे भीतर भगवान राम के आदर्श, मूल्य और अधिक दृढ़ हो जाते हैं।”

उन्होंने कहा कि इसी वजह से भगवान राम आज भी भारत में जन जन की आस्था के केन्द्र हैं और जनसाामान्य के जीवन में व्यवहारिक एवं अनुकरणीय हैं। मोदी ने कहा, “भगवान राम, मर्यादापुरुषोत्तम कहे जाते हैं। मर्यादा, मान रखना भी सिखाती है और मान देना भी, और मर्यादा, जिस बोध की आग्रह होती है, वो बोध कर्तव्य ही है।”

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