Paving the way for making fighter jet engines in India, US Parliament approves the deal

नई दिल्ली 31 Aug. (एजेंसी) : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के अगले हफ्ते नई दिल्ली के दौरे पर आने से पहले अमेरिकी संसद ने भारत-अमेरिका फाइटर जेट इंजन डील को मंजूरी दे दी है। अब भारत में फाइटर जेट इंजन GE एफ-414 बनने का रास्ता साफ हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान ये समझौता हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और जीई एयरोस्पेस के बीच हुआ था, जिसमें फाइटर जेट इंजन की अभूतपूर्व तकनीक हस्तांतरण, भारत में जेट इंजन का निर्माण और लाइसेंसिंग की व्यवस्था शामिल है।

अमेरिकी संसद बिल्डिंग ‘कैपिटल हिल’ के घटनाक्रम से परिचित एक व्यक्ति ने कहा, “विधायी पक्ष से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस ने भारत के साथ जीई जेट इंजन सौदे को मंजूरी दे दी है। सदन को इस डील पर आगे बढ़ाने के जो बाइडेन प्रशासन के फैसले पर कोई आपत्ति नहीं है। इससे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ अमेरिकी कंपनी के समझौते के कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त हो गया है, जिसमें अभूतपूर्व प्रौद्योगिकी हस्तांतरण शामिल है।” प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले ही इस बिक्री को मंजूरी दे दी गई थी लेकिन अमेरिकी नियमानुसार, विदेश विभाग ने 28 जुलाई को सदन और सीनेट की विदेश संबंध समिति को इस डील के बारे में सूचित किया था। संसद से पास होने के बाद अगर इस अधिसूचना के 30 दिनों तक कोई कांग्रेसी प्रतिनिधि या सीनेटर आपत्ति नहीं करता है, तो इसे सहमति माना जाता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अगले हफ्ते होने वाले जी-20 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने नई दिल्ली आ रहे हैं। माना जा रहा है कि बाइडेन की भारत यात्रा के दौरान, दोनों देशों द्वारा समझौते को आगे बढ़ाने के लिए चर्चा करने की उम्मीद है। अमेरिकी संसद की प्रक्रिया की स्थिति की पुष्टि किए बिना, बाइडेन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “मैं अमेरिकी बैठकों की कोई भी हलचल के बारे में बताना नहीं चाहता। हम इस ऐतिहासिक समझौते पर आगे बढ़ने में सक्षम होने के लिए दोनों पक्षों की ओर से आवश्यक कदम उठाने की दिशा में काम कर रहे हैं और डील पर आगे बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं।”

उधर, अमेरिकी विदेश विभाग ने भी इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। विदेश विभाग ने कहा, “हमें वाणिज्यिक रक्षा व्यापार लाइसेंसिंग गतिविधियों के विवरण पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने से प्रतिबंधित किया गया है।” बता दें कि 22 जून को, प्रधानमंत्री मोदी की वाशिंगटन डीसी की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के दिन, जहां व्यापक द्विपक्षीय वार्ता और राजकीय रात्रिभोज से पहले व्हाइट हाउस में उनका औपचारिक स्वागत किया गया, जीई एयरोस्पेस और एचएएल ने एफ-414 जेट इंजन का भारत में उत्पादन करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। ये इंजन भारत में निर्माणाधीन हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) एमके2 के लिए निर्माण किए जाने हैं।

****************************

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *