गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी का पटेल चैप्टर बंद हो गया। कांग्रेस के डेकोरेटेड पटेल नेता हार्दिक पटेल पार्टी छोड़ कर चले गए हैं और अब भारतीय जनता पार्टी व नरेंद्र मोदी की जय जयकार कर रहे हैं। तो दूसरी ओर नरेश पटेल ने ऐलान कर दिया है कि वे अभी सक्रिय राजनीति में नहीं उतरेंगे। ध्यान रहे नरेश पटेल प्रभावशाली लेउवा पटेल समुदाय के नेता हैं और श्रीखोडलधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं।
उन्होंने कहा कि समाज से जुड़े वरिष्ठ लोग नहीं चाहते हैं कि वे राजनीति में उतरें। वैसे भी प्रशांत किशोर के साथ कांग्रेस की डील फेल होने के बाद से ही लग रहा था कि नरेश पटेल कांग्रेस से दूर रहेंगे।ध्यान रहे प्रशांत किशोर के कांग्रेस के साथ जुडऩे के समय ही नरेश पटेल के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा हुई थी। प्रशांत किशोर ने ही उनकी कांग्रेस के बड़े नेताओं से मुलाकात कराई थी।
पटेल की भी शर्त थी कि अगर प्रशांत किशोर कांग्रेस को चुनाव लड़ाते हैं तभी वे कांग्रेस से जुड़ेंगे। अब चूंकि उन्होंने सक्रिय राजनीति में उतरने से ही इनकार कर दिया इसलिए कांग्रेस से जुडऩे का सवाल ही नहीं है। इस तरह कांग्रेस एक बार फिर पटेल राजनीति करने से दूर हो गई। वैसे भी गुजरात में कांग्रेस कभी भी पटेल राजनीति नहीं करती थी। पिछले 30 साल से ज्यादा समय से पटेल भाजपा को वोट करते रहे हैं।
पटेलों के उलट कांग्रेस का फोकस खाम समीकरण यानी क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम पर होता है। इस बार भी कांग्रेस इसी फॉर्मूले पर चुनाव लड़ेगी।
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