दौसा ,22 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। राजस्थान सरकार ने पेपर लीक मामलों में अपनी ज़ीरो टॉलरेंस नीति को प्रभावी ढंग से लागू करना शुरू कर दिया है।

पुलिस और प्रशासन द्वारा लगातार किए जा रहे बड़े एक्शनों ने इस बात को साबित कर दिया है कि सरकार इस मामले में कितनी सख्त है। पेपर लीक मामलों में लिप्त राज्य कर्मियों को बर्खास्त करके सरकार ने एक सख्त संदेश दिया है। पटवारी भर्ती मामले में दौसा के सरगना हर्षवर्धन को राज्यसेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।

दौसा कलेक्टर देवेन्द्र कुमार ने हर्षवर्धन को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया। हर्षवर्धन को जेईएन भर्ती परीक्षा 2020 में एसआईटी ने नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया था। इससे पहले, हर्षवर्धन की पत्नी सरिता मीणा को तत्कालीन भीलवाड़ा कलक्टर नमित मेहता ने बर्खास्त किया था।

सरिता ने एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में खुद की जगह डमी अभ्यर्थी बैठाकर परीक्षा उत्तीर्ण की थी।एसओजी एटीएस एडीजी वी.के.सिंह की प्रभावी मॉनिटरिंग का भी इन कार्रवाइयों में बड़ा योगदान रहा है।

एडीजी वी.के.सिंह ने बताया कि एसआई भर्ती परीक्षा में लिप्त 45 सहित कुल 86 राज्यकर्मियों को बर्खास्त/सेवा से पृथक किया जा चुका है। शेष 189 राज्यकर्मियों के विरुद्ध विभागीय जांच प्रक्रिया प्रक्रियाधीन है।

सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि पेपर लीक मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और परीक्षाओं की पवित्रता बनी रहे।

वी. के सिंह ने बताया कि इन कार्रवाइयों से युवाओं में विश्वास का माहौल बनेगा। यह राज्य में निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करने में मदद करेगा।

यह उन लोगों के लिए एक निवारक के रूप में कार्य करेगा जो पेपर लीक करने की कोशिश कर सकते हैं। यह खबर राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

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