Our action is not provocative, first game is response to terrorist attacks Foreign Ministry

नई दिल्ली 08 May, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने गुरुवार को दुनिया के सामने पाकिस्तान की सच्चाई उजागर की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और पूर्व विदेश मंत्री ने खुले तौर पर यह स्वीकार किया है कि उनके आतंकवादी समूहों से संबंध रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के गढ़ के रूप में पहचाना जाता है और यह साबित हो चुका है कि पाकिस्तान आतंकी समूहों का समर्थन करता है और उनके खिलाफ कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता।

विदेश सचिव ने पाकिस्तान के आरोपों पर कहा कि हमने कोई भी उकसावे की कार्रवाई नहीं की है। हमने जो कार्रवाई की है, वह पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले का जवाब थी और हमने सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।

पाकिस्तान द्वारा पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जांच करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समिति बनाने की मांग के जवाब में, विदेश सचिव ने कहा कि भारत ने पहले भी कई आतंकी हमलों के सबूत पाकिस्तान को दिए हैं, लेकिन उसने किसी भी हमले की जांच करने में कोई सहयोग नहीं किया।

उन्होंने उदाहरण के तौर पर पठानकोट हमले का उल्लेख किया, जहां भारत ने पाकिस्तान को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में ठोस सबूत सौंपे थे, लेकिन पाकिस्तान ने हमेशा आतंकवादियों का बचाव किया।

पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत ने धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया, लेकिन विक्रम मिस्री ने इसे खारिज करते हुए कहा कि भारत ने केवल आतंकवादी ठिकानों को ही निशाना बनाया है। उन्होंने कहा कि बल्कि पाकिस्तान ने एलओसी पर गुरुद्वारों को निशाना बनाया है।

इसके साथ ही, मिस्री ने बताया कि जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) का नाम शामिल करने की बात आई तो केवल पाकिस्तान ने इसका विरोध किया और इसका नाम हटवाया। यह साफ संकेत है कि पाकिस्तान अब भी इन आतंकवादी समूहों का समर्थन कर रहा है और उन्हें शरण दे रहा है।

बता दें कि बुधवार की रात पाकिस्तान ने उत्तरी और पश्चिमी भारत के कई इलाकों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने का प्रयास किया। इन हमलों का उद्देश्य भारत के शहरों को निशाना बनाना था, लेकिन भारत ने इन हमलों को नाकाम कर दिया।

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