नई दिल्ली ,30 जनवरी (एजेंसी)। संसद के बजट सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सरकार की तरफ से सभी राजनीतिक दलों को यह आश्वासन दिया गया है कि सरकार सत्र के दौरान नियमों के अनुसार हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है।
सरकार ने राष्ट्रपति के अभिभाषण और अंतरिम बजट को सत्र की प्राथमिकता बताया तो विपक्षी दलों की तरफ से संघीय ढांचे पर प्रहार, जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 को मजबूत करने और सांसदों के निलंबन सहित कई मुद्दों पर चर्चा की मांग की गई।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सर्वदलीय बैठक के बारे में बताते हुए कहा कि सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में 30 राजनीतिक दलों से 45 नेता शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर शुक्रवार, 2 फरवरी से ही चर्चा कराना चाहती है। सत्र में अंतरिम बजट पेश होगा और जम्मू कश्मीर का भी बजट पेश किया जाएगा।
विपक्षी दलों की तरफ से उठाए गए मुद्दों के बारे में बताते हुए जोशी ने कहा कि यह वर्तमान लोक सभा का अंतिम सत्र होगा। सरकार हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है। स्पीकर और चैयरमैन जिन मुद्दों पर भी चर्चा को कहेंगे, सरकार उन पर चर्चा के लिए तैयार है। सरकार का जोर राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और अंतरिम बजट पर है। विपक्षी दलों के कुछ सवाल हैं, लेकिन, यह छोटा सत्र है इसलिए उनके सवालों का जवाब अब अगले टर्म (मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल) में देंगे।
विपक्षी दलों द्वारा सांसदों के निलंबन का सवाल उठाने के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जिन सांसदों का निलंबन शीतकालीन सत्र के लिए था, उनका निलंबन तो सत्र की समाप्ति के साथ ही समाप्त हो गया। लेकिन, जिन सांसदों के निलंबन का मसला विशेषाधिकार समिति के पास है, उसके लिए भी सरकार आग्रह करेगी। सभी सांसद बुधवार से सदन की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं। हालांकि इसके साथ ही जोशी ने यह भी जोड़ा कि सभी राजनीतिक दलों ने सर्वसम्मति से सदन में प्लेकार्ड नहीं लहराने का फैसला किया था, इसलिए उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से सदन में प्लेकार्ड लाकर फिर से चेयरमैन (राज्य सभा) और स्पीकर (लोक सभा) को कार्रवाई करने पर मजबूर नहीं करने का भी अनुरोध किया है। यह वर्तमान लोक सभा का अंतिम सत्र है इसलिए सरकार ने सभी दलों से सदन की कार्यवाही को सुचारू ढंग से चलाने का आग्रह किया है।
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने सर्वदलीय बैठक में बेरोजगारी, महंगाई, संवैधानिक ढांचे पर खतरे, जांच एजेंसियो के दुरुपयोग, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और लालू यादव के साथ किए जा रहे व्यवहार, सांसदों के निलंबन और राहुल गांधी पर असम में हमला होने का आरोप लगाते हुए कई अन्य मुद्दों को उठाया। टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने देश के संघीय ढांचे पर प्रहार होने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल की सरकार को जानबूझकर निशाना बनाने और फंड रिलीज नहीं करने सहित कई मुद्दे उठाए।
समाजवादी पार्टी ने बैठक में पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 को मजबूत करने की मांग की। लोक सभा में सपा के नेता एसटी हसन ने बताया कि उन्होंने पूजा स्थल कानून को मजबूत करने की मांग की है। अयोध्या के बाद काशी और मथुरा से उठ रही आवाजों की तरफ इशारा करते हुए सपा सांसद ने कहा कि एक मस्जिद के बाद दूसरी, दूसरी के बाद तीसरी, इस तरह से देश के 3 हजार मस्जिदों में यह सब कुछ होगा तो देश किस जगह पहुंच जाएगा।
बैठक में अन्य दलों की तरफ से भी अपने-अपने मुद्दे उठाए गए। संसद भवन परिसर के पार्लियामेंट लाइब्रेरी बिल्डिंग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता हुई सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, पीयूष गोयल और अर्जुन राम मेघवाल सहित कई अन्य मंत्री और भाजपा सांसद शामिल हुए।
अन्य दलों की बात करें तो, कांग्रेस से प्रमोद तिवारी एवं के.सुरेश, टीएमसी से सुदीप बंदोपाध्याय, डीएमके से टी आर बालू, शिवसेना (शिंदे गुट) से राहुल शेवाले, सपा से एसटी हसन, जेडीयू से रामनाथ ठाकुर, बीआरएस से केशव राव, अपना दल (एस) से केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, बसपा से गिरीश चंद्र और आप से एनडी गुप्ता के अलावा विभिन्न राजनीतिक दलों के लोक सभा और राज्य सभा के फ्लोर लीडर्स अथवा वरिष्ठ सांसद शामिल हुए।
बता दें कि संसद का आगामी बजट सत्र बुधवार से शुरू होगा और इसके 9 फरवरी तक चलने की संभावना है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट सत्र है। सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से होगी। बजट सत्र के दूसरे दिन 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी।
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