One has to stay two steps ahead of those who commit crimes, no one can ignore India now Amit Shah

नई दिल्ली 21 Jan, (एजेंसी): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में 57वें पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक सम्मेलन का उद्घाटन किया। तीन दिवसीय सम्मेलन में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी, आईजीपी और सीएपी के प्रमुख सहित 600 अधिकारी भाग ले रहे हैं। इस मौके पर अमित शाह ने अधिकारियों के सामने आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए अगले 10 साल का रोडमैप रखा। अमित शाह ने कहा कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां वर्चस्व स्थापित करने में सफल रही हैं और अब कोई भी देश को किसी भी क्षेत्र में नजरअंदाज नहीं कर सकता और न ही किसी को आगे बढ़ने से रोक सकता है।

एक अधिकारी ने बताया कि पहले दिन सम्मेलन में नेपाल और म्यांमार के साथ भूमि सीमाओं पर सुरक्षा चुनौतियों, भारत में लंबे समय तक रहने वाले विदेशियों की पहचान करने और माओवादी ठिकानों को लक्षित करने जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। अगले दो दिनों में देश का शीर्ष पुलिस नेतृत्व उभरती सुरक्षा चुनौतियों पर विशेषज्ञों, फील्ड अधिकारियों और शिक्षाविदों के साथ विचार-विमर्श करेगा।

इस मौके पर अमित शाह ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र और 2025 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के ²ष्टिकोण पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर, उत्तर-पूर्व और वामपंथी उग्रवाद में आंतरिक सुरक्षा उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और अगले दस वर्षों में चुनौतियों से निपटने का रोड-मैप भी रखा।

शाह ने कहा कि इन क्षेत्रों में हमारी नीतियों की सफलता ये बताती है कि हमारे प्रयास ठीक दिशा में हैं और उनके परिणाम भी मिल रहे हैं।

अमित शाह ने डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं की सुरक्षा के लिए विशेष ²ष्टिकोण के अलावा, पुलिस बलों में क्षमता निर्माण और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा क्षेत्रों को सुरक्षित करने का उल्लेख किया। उन्होंने नार्को तस्करी, हवाला और शहरी पुलिसिंग जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर केंद्र और राज्य समन्वय की वकालत भी की। उन्होंने कहा कि भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है और मोदी जी ने एक अनूठा प्रयोग किया है कि यह सम्मलेन सिर्फ एक स्थान पर न रह कर देशभर में होगा, देश के 56 शहरों में जी-20 की 200 बैठकें होंगी।

अमित शाह ने कहा कि एक समय था जब जम्मू-कश्मीर से बच्चे इंसर्जेंसी के कारण देश के अन्य भागों में पढ़ने जाते थे, लेकिन आज देश के अन्य हिस्सों से 32 हजार बच्चे जम्मू-कश्मीर में पढ़ रहे हैं, जितना निवेश पिछले 70 सालों में जम्मू-कश्मीर में आया था, उतना पिछले 4 सालों में आया है। जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, 2022 में 1 करोड़ 80 लाख से जयादा टूरिस्ट यहां आए, ये बताता है कि देशभर की जनता के मन में ये विश्वास पैदा हुआ है कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य है, इसके लिए सुरक्षाबलों और सभी ऐजेंसियों को बधाई देता हैं।

अमित शाह ने ये भी कहा कि पीएफआई को बैन करने और इसके एक्टिविस्टों को पकड़ने में सभी राज्यों के पुलिस बलों ने एक साथ आकर सफलता हासिल करने संघीय ढांचे की स्पिरिट और डेमोक्रेसी की मैच्योरिटी को दशार्ता है। उन्होंने कहा पहले हमारी समस्याएं जियोग्राफिकल थीं, जैसे आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद लेकिन अब हमारी समस्याएं थीमेटिक होती जा रही हैं, जैसे साइबर अपराध, डेटा संबंधी अपराध, इसके लिए हमें अपनी रणनीति और अप्रोच में आमूलचूल परिवर्तन लाना होगा।

शाह ने अधिकारियों से कहा कि पहले हमारे सामने सिंगल डायमेंशनल समस्याएं थीं, लेकिन अब समस्याएं मल्टी-डायमेंशनल हैं, इनसे निपटने के लिए हमें गुनाह करने वालों से दो कदम आगे रहना होगा। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर में 9 उग्रवादी समूह सरेंडर करके मेनस्ट्रीम में आए हैं, राज्यों के बीच सीमा विवाद आपस में सुलझाए जा रहे हैं. बिना किसी मांग के स्थिति नॉर्मल होने का जायजा लेकर पूर्वोत्तर में लगभग 30 प्रतिशत क्षेत्र से अफ्स्पा हटाने का काम हमने किया है, पिछले 3 सालों में हर प्रकार की हिंसा में वहां 42 प्रतिशत की कमी आई है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने इस दौरान सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक वितरित किए और देश के शीर्ष तीन पुलिस स्टेशनों के लिए ट्राफियां प्रदान की।

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