श्रीनगर ,27 जुलाई (एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को श्रीनगर में आठवें मुहर्रम जुलूस को पारंपरिक मार्गों से गुजरने की अनुमति देने के सरकार के फैसले का स्वागत किया, लेकिन साथ ही मीरवाइज उमर फारूक की घर में नजरबंदी से रिहाई की भी मांग की।
अब्दुल्ला ने कहा कि तीन दशकों से अधिक समय के बाद श्रीनगर के पारंपरिक मार्गों से आठवीं मुहर्रम जुलूस की अनुमति देना एक स्वागत योग्य कदम है लेकिन उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले सरकारी प्रशासन को जम्मू-कश्मीर में वास्तविक सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सही दिशा में कुछ और कदम उठाने की जरूरत है।
एनसी उपाध्यक्ष ने यहां संवाददाताओं से कहा,यह अच्छी बात है कि इतने वर्षों के बाद आठवें दिन मुहर्रम जुलूस की अनुमति दी गई और हम सभी इसका स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि यह अलगाव का फैसला नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह पाया गया है कि अगर यह सरकार को रास आता है तो उन्हें धार्मिक स्वतंत्रता पर रोक लगाना बहुत आसान लगता है। उन्होंने कहा,आपके सामने ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं, ऐसे कितने शुक्रवार हैं जब जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज़ के लिए इजाज़त नहीं दी गई। यह बंद होना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को मीरवाइज उमर फारूक को धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करने की अनुमति देने के लिए नजरबंदी से रिहा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का राजनीतिक भविष्य इस बात से जुड़ा है कि वह जम्मू-कश्मीर में मतदाताओं को किस तरह से विभाजित कर सकती है।
*******************************