नई दिल्ली ,01 नवंबर (एजेंसी)। विमान के पायलट और क्रू मेंबर उड़ान के दौरान अब माउथवॉश, टूथ जेल या फिर ऐसे किसी भी पदार्थ का उपयोग नहीं कर सकते हैं, जिसमें अल्कोहल की मात्रा हो। नागर विमानन महानिदेशालय ने इसे लेकर संशोधित गाइडलाइंस जारी की है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विमान नियामक की तरफ से ऐसा इसलिए किया गया है ताकि ‘ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट’ में पॉजिटिव रिजल्ट आ पाएं। ष्ठत्रष्ट्र ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि अल्कोहल की मात्रा वाले माउथवॉश या टूथ जेल के इस्तेमाल से ‘ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट’ में साकारात्मक नतीजे आ सकते हैं। यह कदम विमान परिचालन को सुरक्षित बनाने के इरादे से उठाया गया है।
डीजीसीए ने कहा कि उसने विमानन उद्योग से मिले सुझाव के आधार पर मौजूदा नियमों के प्रावधानों को सुव्यवस्थित किया गया है। हालांकि, इसके प्रारूप में परफ्यूम को भी शामिल किया गया था, लेकिन अंतिम सूची में इसे शामिल नहीं किया गया है। नियामक ने 30 अक्टूबर को जारी गाइडलाइंस में कहा, ‘चालक दल का कोई भी सदस्य किसी भी ऐसी दवा/ फॉर्मूलेशन का सेवन नहीं करेगा या माउथवॉश/टूथ जेल या ऐसे किसी उत्पाद का उपयोग नहीं करेगा, जिसमें अल्कोहल की मात्रा हो। ऐसी दवा लेने वाले चालक दल के सदस्य को उड़ान से पहले कंपनी के डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होगा।’
डीजीसीए के मुताबिक, ईंधन सेल प्रौद्योगिकी वाले श्वास विश्लेषक उपकरण का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया गया है और एजेंसियों की निगरानी एवं निरीक्षण की एक प्रक्रिया शुरू की गई है। विमानन कंपनियों को सहूलियत देने के लिए डीजीसीए ने श्वास विश्लेषक परीक्षण से गुजरने वाली इकाइयों का दायरा बढ़ा दिया है। चालक दल एवं सहयोगी स्टाफ के हरेक सदस्य को उड़ान ड्यूटी के पहले हवाई अड्डे पर सांस की जांच करानी होगी।
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