Now is the time for direct action in POK Former Wing Commander Prafulla Bakshi

नई दिल्ली  24 April, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। पूर्व विंग कमांडर प्रफुल्ल बख्शी ने पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बढ़ते तनाव पर कहा कि जब दो देशों के बीच आपसी संबंध बिगड़ते हैं और सुरक्षा की भावना खतरे में पड़ने लगती है, तो कठोर और निर्णायक कदम उठाए जाते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से उठाए गए हालिया कदम जैसे दूतावास बंद करने की तैयारी, वीजा रद्द करना और पाकिस्तान के नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का अल्टीमेटम ये सभी पाकिस्तान पर गंभीर असर डालेंगे। प्रफुल्ल बख्शी ने कहा कि पाकिस्तान की आम जनता और युवा वर्ग पाकिस्तान आर्मी के साथ नहीं हैं।

भारत में हुए आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान की भूमिका संदिग्ध है, और यह संभव है कि इस बार वह चीन के साथ मिलकर रणनीतिक तौर पर कोई तनावपूर्ण कदम उठा रहा हो। भारत का यह जवाब बहुत सीमित है और इससे पाकिस्तान की सैन्य गतिविधियों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब भारत को केवल जवाबी कार्रवाई तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि पीओके में उन 8-10 ठिकानों पर सीधा कब्जा करना चाहिए जहां से पाकिस्तान की सेना आतंकियों को भारत में भेजती है। बख्शी ने कहा कि “जब तक पाकिस्तान की जमीन पर कब्जा नहीं किया जाएगा, तब तक उसकी सेना को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।”

पूर्व विंग कमांडर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सेना अपनी जनता को यह भ्रम देती है कि वे भारत से बेहतर हैं, जबकि सच्चाई यह है कि पाकिस्तानी समाज के कई हिस्से भारत से प्रभावित होकर ही बदले हैं। उन्होंने कहा कि भारत को अब प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए, बल्कि निर्णायक सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए।

पाकिस्तान द्वारा सीमा पर सेना और लड़ाकू विमानों की तैनाती पर उन्होंने कहा कि भारत को कोई नई तैयारी करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारतीय सेना पहले से ही हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहती है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और नागरिक संपर्क लगभग समाप्त हो सकते हैं, जिससे संबंधों में और भी अधिक खटास आ सकती है।

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