No relief for Teesta Setalvad and former DGP Sreekumar

अहमदाबाद ,26 जुलाई (आरएनएस/FJ)।  अहमदाबाद की एक अदालत ने 2002 दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने केलिए दस्तावेज बनाने की आरोपी तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार की जमानत याचिका पर आदेश 28 जुलाई तक टाल दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने अहमदाबाद के सेशल कोर्ट में अर्जी दी थी।  सीतलवाड़ और श्रीकुमार ने खुद पर लगे आरोपों से इनकार किया है।

क्या है आरोप?

तीस्ता और श्रीकुमार के अलावा इस मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट भी आरोपी हैं। एसआईटी ने दावा किया है कि ये तीनों ही आरोपी तत्कालीन नरेंद्र मोदी सरकार को अस्थिर करने की साजिश रच रहे थे। आरोप है कि पीडि़तों की मदद के लिए दी जाने वाली राशि का दुरुपयोग किया गया और इसका इस्तेमाल राज्य सरकार को अस्थिर करने में किया गया। यह सब कांग्रेस नेता अहमद पटेल के इशारों पर किया जाता था।

विशेष लोक अभियोजक मितेश अमीन ने अहमदाबाद सेशल कोर्ट में तीस्ता की जमानत याचिका का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि तीस्ता निर्दोषों को फंसाने के लिए साजिश कर रही थीं। उन्होंने यह भी कहा कि पीडि़तों को जो राशि मिलनी थी वह कभी नहीं मिली। इसका इस्तेमाल साजिश में कर लिया गया।

तीस्ता सीतलवाड़ का जन्म महाराष्ट्र में हुआ था। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया। तीस्ता को साल 2007 में पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। वह सिटीजन्स फॉर जस्टिस ऐंड पीस नाम का एनडीओ चलाती हैं। उन्होंने पत्रकारिता करने केलिए कानून की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। उनकी शादी पत्रकार जावेद आनंद से हुई थी। सीतलवाड़ के दादा एमसी  सीतलवाड़ देश के पहले अटॉर्नी जनरल थे। उनके पिता भी वकील थे।

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