Nitish will not be able to complete his five-year term Chirag Paswan

पटना ,08 अगस्त (एजेंसी/FJ)। बिहार में राजनीतिक तूफान के बीच लोजपा (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने सोमवार को दावा किया कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के रूप में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे। मध्यावधि चुनाव किसी भी समय हो सकता है। चिराग ने कहा, इस समय कोई नहीं जानता कि बिहार में क्या होने वाला है।

भले ही नीतीश कुमार महागठबंधन के नेताओं के साथ बातचीत के बाद अपनी सीट सुरक्षित करने में कामयाब रहे, फिर भी वह 2025 तक अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे। महागठबंधन के नेता अति महत्वाकांक्षी हैं, जिस कारण मध्यावधि विधानसभा चुनाव होने की पूरी संभावना है।

उन्होंने कहा, नीतीश फिलहाल पल्टीमार योजना लागू करेंगे और मुख्यमंत्री की कुर्सी सुरक्षित कर लेंगे।

जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह द्वारा इस्तेमाल किए गए चिराग मॉडल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पासवान ने कहा कि चिराग मॉडल राज्य के विकास के लिए है।

चिराग ने कहा, हम बिहार पहले में विश्वास करते हैं। नीतीश मॉडल क्या होगा? नीतीश मॉडल बेरोजगारी, बाढ़, सूखा, अपराध, भ्रष्टाचार, शराब त्रासदी आदि के लिए है। जद-यू नेताओं को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या है नीतीश मॉडल।

उन्होंने कहा, 2020 के विधानसभा चुनाव में 25 लाख लोगों ने चिराग मॉडल अपनाया, अगर नीतीश कुमार को इस पर आपत्ति है तो मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि राज्य के 13 करोड़ लोग इसे अपना रहे हैं।

चिराग पासवान, ललन सिंह के इस बयान से खफा हैं कि चिराग मॉडल के चलते 2020 के विधानसभा चुनाव में जद-यू 43 सीटों पर पहुंच गया। ललन सिंह ने दावा किया कि एक विशेष राजनीतिक दल (भाजपा) ने नीतीश कुमार के खिलाफ साजिश रची और चुनाव में चिराग पासवान के माध्यम से उन्हें कमजोर किया।

चिराग पासवान ने लोजपा उम्मीदवारों को सिर्फ उन्हीं सीटों पर टिकट दिया था, जहां जदयू चुनाव लड़ रहा था।

**************************************

इसे भी पढ़ें : मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *