नई दिल्ली,23 अपै्रल (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा ने अदालत में परिजनों से बात करने की डिमांड की थी, जिसका नेशनल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) ने विरोध किया है.
2008 में 26 नवंबर को मुंबई में हुए आतंकी हमलों के आरोपी और साजिशकर्ता तहव्वुर राणा की अपने परिवार के सदस्यों से बात करने की अनुमति की मांग वाली याचिका का एनआईए ने विरोध किया है.
एनआईए ने पटियाला हाउस कोर्ट से कहा कि तहव्वुर राणा अपने परिवार वालों से बातचीत के दौरान कुछ महत्वपूर्ण सूचनाओं को साझा कर सकता है.
एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर ने इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने आज यानि 24 अप्रैल को फैसला सुनाने का आदेश दिया.
तहव्वुर राणा ने अपने परिवार के सदस्यों से बात करने की अनुमति की मांग की है. कोर्ट ने उसकी याचिका पर सुनवाई करते हुए 21 अप्रैल को एनआईए को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने 10 अप्रैल को तहव्वुर राणा को 18 दिनों की एनआईए की हिरासत में भेजा था.
एनआईए ने तहव्वुर राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में 10 अप्रैल को करीब दस बजे रात में पेश किया था. एनआईए ने 10 अप्रैल की शाम को तहव्वुर को दिल्ली के पालम वायुसेना अड्डे पर उतरते ही गिरफ्तार कर लिया.
बता दें कि अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रत्यर्पण के खिलाफ राणा की याचिका खारिज किए जाने के बाद उसे लाने के लिए भारतीय एजेंसियों की एक टीम अमेरिका गई थी. तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है.
2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है.
64 वर्षीय तहव्वुर राणा के समर्थन की वजह से उस समय भारत में हेडली की आवाजाही आसान हो गई थी. पाकिस्तान मूल के तहव्वुर राणा और डेविड कोलमैन हेडली बचपन के दोस्त थे और दोनों ने एक ही सैनिक स्कूल से पढ़ाई की थी. तहव्वुर राणा ने डेविड कोलमैन हेडली की मदद के लिए मुंबई में एक एजेंसी खोली थी.
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