नई दिल्ली 13 मार्च (एजेंसी)। आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए एक बार की नई छोटी बचत योजना, महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र मार्च 2025 तक उपलब्ध कराया जाएगा। यह घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए की। यह आंशिक निकासी विकल्प के साथ 7.5 प्रतिशत की निश्चित ब्याज दर पर दो साल की अवधि के लिए महिलाओं या लड़कियों के नाम पर 2 लाख रुपये तक की जमा सुविधा प्रदान करेगा।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत अधिकतम जमा सीमा 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये की जाएगी।
मासिक आय खाता योजना के लिए अधिकतम जमा सीमा एकल खाते के लिए 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये और संयुक्त खाते के लिए 9 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये की जाएगी।
बजट में कुल कैपेक्स परिव्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये से 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।
अपने संबोधन में सीतारमण ने घोषणा की कि पूंजी निवेश परिव्यय को लगातार तीसरे वर्ष 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत होगा।
यह 2019-20 में परिव्यय का लगभग तीन गुना होगा।
केंद्र द्वारा प्रत्यक्ष पूंजी निवेश राज्यों को सहायता अनुदान के माध्यम से पूंजीगत संपत्ति के निर्माण के लिए किए गए प्रावधान द्वारा पूरक है। केंद्र के प्रभावी पूंजीगत व्यय का बजट 13.7 लाख करोड़ रुपए रखा गया है, जो जीडीपी का 4.5 फीसदी होगा।
एक्यूइट रेटिंग्स एंड रिसर्च के कार्यकारी निदेशक और मुख्य विश्लेषणात्मक अधिकारी सुमन चौधरी ने कहा कि बाजार सरकार से सार्वजनिक पूंजीगत व्यय के लिए एक और प्रतिबद्धता की उम्मीद कर रहा था और इसने निराश नहीं किया है।
केंद्रीय बजट में कुल कैपेक्स परिव्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये से 10.0 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो इसे सकल घरेलू उत्पाद के 3 प्रतिशत के सर्वकालिक उच्च स्तर पर ले जाता है।
यह न केवल बुनियादी ढांचा क्षेत्र को बढ़ावा देगा बल्कि रोजगार और विकास के लिए भी सकारात्मक होगा।
आनंद राठी समूह के संस्थापक और अध्यक्ष आनंद राठी ने कहा कि पूंजीगत व्यय में 33 प्रतिशत की वृद्धि से यह 10 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो सड़कों, बंदरगाहों और हवाईअड्डों के निर्माण में सबसे ज्यादा लंबा रास्ता तय करेगा।
रेलवे में 2.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश सराहनीय है।
राठी ने कहा कि अगले साल के लिए 15.43 लाख करोड़ रुपये की सकल उधारी का अनुमान सर्वेक्षण के 15.77 लाख करोड़ रुपये के अनुमान से कम है। उम्मीद है, इससे बॉन्ड बाजारों को खुशी मिलेगी।
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