सुप्रीम कोर्ट ने नतीजों में दखल देने से किया इनकार
नई दिल्ली ,04 जुलाई (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने आज नीट यूजी 2025 के संशोधित परिणामों और काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग करने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है।
जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और आर. महादेवन की अवकाश पीठ ने एक छात्र द्वारा फाइनल आंसर-की में कथित गड़बडिय़ों को लेकर दायर याचिका पर विचार करने से साफ इनकार कर दिया।
परीक्षा में शामिल हुए छात्र शिवम गांधी रैना ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (हृञ्ज्र) द्वारा जारी फाइनल आंसर-की में तीन प्रश्नों के उत्तर गलत थे।
याचिकाकर्ता के वकील ने आज सुनवाई के दौरान दलील दी कि गलत उत्तरों के कारण कई छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा और यह एक व्यक्तिगत मामला नहीं है। उन्होंने 2024 के एक मामले का हवाला भी दिया, जिसमें शीर्ष अदालत ने हस्तक्षेप करते हुए आईआईटी दिल्ली की विशेषज्ञ रिपोर्ट के आधार पर परिणाम संशोधित करने का निर्देश दिया था।
याचिकाकर्ता की दलीलों पर जस्टिस नरसिम्हा ने कहा, हम व्यक्तिगत परीक्षाओं से नहीं निपट सकते। पीठ ने टिप्पणी की कि इसी तरह का एक मामला दो दिन पहले भी खारिज किया जा चुका है।
जब वकील ने जोर देकर कहा कि आंसर-की में स्पष्ट त्रुटि है, तो जस्टिस नरसिम्हा ने कहा, आप सैद्धांतिक रूप से सही हो सकते हैं कि कई सही उत्तर हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में किसी व्यक्तिगत मामले के आधार पर हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।
पीठ ने अपना रुख बदलने से इनकार करते हुए कहा, ठीक है, धन्यवाद, और याचिका पर विचार करने से मना कर दिया। याचिकाकर्ता ने विशेष रूप से प्रश्न संख्या 136 (कोड संख्या 47) के उत्तर में गलती का आरोप लगाया था। इस फैसले के साथ ही, नीट यूजी 2025 के घोषित नतीजों और आगामी काउंसलिंग प्रक्रिया पर बना संशय फिलहाल समाप्त हो गया है।
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