Naval ships will be equipped with indigenous weapons Navy Chief

नई दिल्ली,15 जुलाई (आरएनएस)। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा है कि प्रोजेक्ट 17ए के तहत बनाए जा रहे उन्नत स्टील्थ विशेषताओं और स्वदेशी हथियार से लैस जहाज हमारे बेड़े की क्षमता को और बढ़ाएंगे। ये जहाज बहुमुखी और शक्तिशाली प्लेटफॉर्म होंगे और व्यापक राष्ट्रीय दृष्टि का समर्थन करेंगे। साथ ही सभी के लिए सुरक्षित और समृद्ध वैश्विक साझाकरण सुनिश्चित करेंगे। अगली पीढ़ी के चौथे जहाज को तीन साल की अवधि के भीतर लॉन्च करने से युद्धपोतों के निर्माण की क्षमता के मामले में भारत की स्थिति मजबूत हुई है।

एडमिरल आर. हरि कुमार शुक्रवार को प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स श्रेणी के चौथे पोत दूनागिरी को हुगली नदी में जलावतरण किये जाने के समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस शक्तिशाली युद्धपोत को जल्द ही दूनागिरी नाम विरासत में मिलेगा, जो पूर्ववर्ती लिएंडर क्लास के चौथे जहाज का पुनर्जन्म है। अपने पिछले अवतार में आईएनएस दुनागिरी को मई, 1977 में कमीशन किया गया था और अपनी तैंतीस वर्षों की शानदार सेवा के दौरान उसने कई बहुराष्ट्रीय अभ्यासों में भाग लिया और कई अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों पर गर्व से तिरंगा लहराया।

उन्होंने कहा कि दूनागिरी ने अपने सेवा के अंतिम वर्ष में 154 दिन की यात्रा की और उसे सर्वश्रेष्ठ पोत ट्राफी से सम्मानित किया गया। दूनागिरी नौसेना का वह जहाज था, जिसे मैंने पहली बार 1981 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से नौसेना कैडेट के रूप में रवाना किया था। इसकी कमान कैप्टन आईजेएस खुराना ने संभाली थी, जो बाद में वाइस एडमिरल के रूप में सेवानिवृत्त हुए। 2010 में जहाज की सेवामुक्ति को भारतीय डाक ने जहाज की विशेषता वाले एक विशेष डाक टिकट कवर और जहाज के शिखर की विशेषता वाले एक विशेष रद्दीकरण चिह्न के साथ मनाया था। लगभग पांच दशक बाद नए गिरी का शुभारंभ नौसेना के लिए मील का पत्थर है, क्योंकि यह जहाजों के निर्माण में हमारे युग के आने का प्रतीक है।

नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय नौसेना का प्राथमिक उद्देश्य समुद्री हितों को संरक्षित करके बढ़ावा देना है, हम राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। प्रोजेक्ट 17ए के तहत सात जहाज़ों का निर्माण किया जा रहा है जिसमें से आज लॉन्च किया गया पोत चौथा है। इस परियोजना ने 3000 से अधिक स्थानीय रोजगार उत्पन्न किए हैं। इसके अलावा देशभर में एमएसएमई के साथ 29 देशी भारतीय ओईएम इस परियोजना में योगदान दे रहे हैं। पी-17ए प्रोजेक्ट के पहले दो पोत 2019 और 2020 में क्रमश: एमडीएल और जीआरएसई में लॉन्च किए गए थे। तीसरा पोत उदयगिरी इसी साल 17 मई को एमडीएल में लॉन्च किया गया था। इस चौथे पोत का इतने कम समय में लॉन्च किया जाना पोत निर्माण की दिशा में भारत के आत्मनिर्भर होने का प्रमाण है।

उन्होंने कोलकाता के गार्डेन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर लिमिटेड के सीएमडी, उनके कर्मचारियों, महानिदेशक नौसेना डिजाइन, युद्धपोत उत्पादन अधीक्षक और उनकी टीमों को इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर को हासिल करने के लिए बधाई दी। मुझे विश्वास है कि शिपयार्ड जहाज की समय पर कमीशनिंग सुनिश्चित करके विश्वसनीय, उच्च-गुणवत्ता और युद्ध-योग्य युद्धपोतों को वितरित करने में नौसेना का समर्थन करना जारी रखेगा। मुझे विश्वास है कि आने वाले वर्षों में एक बार कमीशन होने के बाद दूनागिरी गर्व के साथ महासागरों के पार तिरंगा फहराएगा, बल्कि एक ऐसा जहाज भी होगा जिससे हमारे विरोधी डरते हैं।

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