National Journalists Union meeting on increasing attacks on journalists

बैठक में वीरेंद्र प्रसाद सैनी को दिल्ली-एनसीआर अध्यक्ष और केशरी देवी मिश्रा को राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ की महासचिव नियुक्त किया गया

नई दिल्ली, 26 दिसंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। दिल्ली स्थित आईएनएस कॉन्फ्रेंस हॉल में राष्ट्रीय पत्रकार संघ के बैनर तले एक अहम बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें पत्रकारों पर बढ़ते हमलों और उनकी सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत पर चर्चा हुई। इस बैठक का मुख्य विषय “पत्रकारों पर बढ़ते हमले और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता” था।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों और पत्रकारों ने भाग लिया, जिन्होंने इस गंभीर विषय पर अपने विचार साझा किए।बैठक का शुभारंभ मुख्य अतिथियों को मोमेंटो और शॉल भेंट कर किया गया। इसमें राज्यसभा सांसद और भाजपा के डिप्टी नेशनल इलेक्शन इंचार्ज श्री नरेश बंसल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता डॉ. मल्लिका गौतम, IFSMN के चेयरमैन श्री अरुण गोयल, एक्रेडिटेड जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री विजय चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म निर्माता श्री जवाहर जयरथ, आईएमए के अध्यक्ष श्री संजय राय और राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पवित्र मोहन सामंतराय जैसे कई वक्ता मौजूद रहे।

राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष *डॉ. पवित्र मोहन सामंतराय* ने बैठक में अपने विचार रखते हुए कहा, *”पत्रकारों की सुरक्षा सिर्फ उनके व्यक्तिगत अधिकार की बात नहीं है, यह हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था की भी रक्षा है। अगर पत्रकार सुरक्षित नहीं होंगे, तो समाज की हर आवाज दब जाएगी। हम इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे और इसे हर स्तर पर उठाएंगे।

बैठक में वक्ताओं ने पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में समाज के प्रहरी हैं, और उन पर बढ़ते हमले न केवल उनकी सुरक्षा बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए भी खतरा बन गए हैं। सभी ने एकमत से पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की और सरकार से इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने की अपील की।

कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों की गारंटी सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होकर आवाज उठाने का आह्वान किया गया। राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने स्पष्ट किया कि यह मुद्दा केवल पत्रकारों का नहीं है, बल्कि पूरे समाज का है, क्योंकि प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला, लोकतंत्र पर हमला है।

बैठक में कई प्रमुख पत्रकार भी उपस्थित रहे, जिनमें अजीत दबाई, तबजील अहमद, मोहम्मद आबिद, मोहम्मद नौसेब, अनिल कुमार, राकेश कुमार, अजेश कुमार और एसके दीक्षित शामिल थे। उन्होंने भी इस मुद्दे पर अपनी एकजुटता व्यक्त की और अन्याय के खिलाफ संगठित होकर लड़ने का संकल्प लिया।कार्यक्रम के समापन पर यह संकल्प लिया गया कि राष्ट्रीय पत्रकार संघ सरकार को जगाने और पत्रकारों के लिए सुरक्षा कानून लागू करने के लिए हरसंभव कदम उठाएगा। संघ ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने और इसे समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने का वादा किया।

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