Mukhtar Ansari's MLA son Abbas released from jail after 2 years and 8 months

सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

नई दिल्ली ,21 मार्च(Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी शुक्रवार को 2 साल 8 महीने का समय जेल में बिताने के बाद रिहा हो गए। उन्हें सात मार्च को सुप्रीम कोर्ट से कई शर्तों के साथ जमानत मिली थी, जिसके बाद कोर्ट का आदेश करीब 15 दिनों बाद कासगंज जेल पहुंचा और उनकी रिहाई संभव हो सकी।

अब्बास अंसारी की रिहाई उनके परिवार के लिए ईद से पहले एक बड़ी खुशी लेकर आई है। रमजान के पवित्र महीने में जुमे के दिन उनकी रिहाई को उनके समर्थक ईश्वर की कृपा मान रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास में रहने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र मऊ का दौरा करने से पहले संबंधित अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह बिना अनुमति के उत्तर प्रदेश नहीं छोड़ सकेंगे और अदालतों में पेश होने से एक दिन पहले पुलिस अधिकारियों को इसकी जानकारी देनी होगी।

अब्बास अंसारी को पिछले विधानसभा चुनाव के कुछ समय बाद, 4 नवंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ सबसे प्रमुख मामला हेट स्पीच का था, जिसके बाद 6 सितंबर 2024 को उन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई थी।

अब्बास अंसारी पहले चित्रकूट जेल में बंद थे, जहां अपनी पत्नी निकहत के साथ अवैध रूप से मुलाकात करते पकड़े जाने के बाद उन्हें कासगंज जेल स्थानांतरित कर दिया गया था। उनकी पत्नी निकहत को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उन्हें भी सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।

अब्बास अंसारी ने 2022 का विधानसभा चुनाव ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के टिकट पर जीता था। उस समय सुभासपा और समाजवादी पार्टी ने गठबंधन करके चुनाव लड़ा था। हालांकि, बाद में सुभासपा ने सपा का साथ छोड़कर भाजपा से गठबंधन कर लिया।

इस गठबंधन पर सवाल उठने पर ओपी राजभर ने अब्बास अंसारी को सपा का भेजा हुआ प्रत्याशी बताया था। अब अब्बास की रिहाई के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वह सुभासपा की बैठकों में शामिल होते हैं या पार्टी से दूरी बनाए रखते हैं। विधानसभा में भी उनकी सीट पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी।

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