लोकसभा से 12 और राज्यसभा से 14 विधेयक पारित हुए
नईदिल्ली,21 अगस्त (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । 21 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र का आज आखिरी दिन है। विपक्ष के हंगामे के चलते आज लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है।
हंगामे को लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों को फटकार भी लगाई। इस सत्र में बिहार में एसआईआर को लेकर खूब विवाद हुआ, जिसने दोनों सदनों की कार्यवाही को प्रभावित किया।
सत्र के दौरान लोकसभा से 12 और राज्यसभा से 14 विधेयक पारित हुए। लोकसभा से मर्चेंट शिपिंग विधेयक, मणिपुर जीएसटी संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, आयकर विधेयक, टैक्सेशन लॉज (संशोधन) विधेयक, भारतीय बंदरगाह विधेयक, खनन और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक और आईआईएम संशोधन विधेयक पारित हुए। राज्यसभा में मणिपुर से जुड़े 2 विधेयक, मर्चेंट शिपिंग विधेयक बिल और गोवा विधानसभा से जुड़ा प्रतिनिधित्व संशोधन विधेयक समेत कुछ और विधेयक पारित हुए।
लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ा विधेयक पारित किया गया। इसमें मनी आधारित गेमों को विनियमित करने के प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और मंत्रियों को पद से हटाने वाले 3 विधेयक भी पेश किए गए।
इनमें प्रावधान हैं कि अगर मुख्यमंत्री और मंत्री को 30 दिन तक लगातार हिरासत में रखा गया तो उन्हें पद से इस्तीफा देना होगा। विपक्ष ने इन विधेयकों की प्रति फाड़कर उसकी टुकड़े गृह मंत्री अमित शाह की ओर फेंक दिए।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि सदन में केवल 37 घंटे ही चर्चा हो सकी, जबकि 120 घंटे का समय निर्धारित किया गया था। साथ ही 2 बार स्थगन के बाद लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
उन्होंने बताया कि सत्र में 419 सवाल किए गए, जिनमें से 55 के उत्तर दिए गए। स्पीकर ने हंगामे पर नाराजगी भी जताई। संसद के दोनों ही सदनों में प्रश्नकाल नहीं हो सका।
संसद में सबसे ज्यादा हंगामा बिहार में चुनाव आयोग के एसआईआर के मुद्दे पर हुआ। इसे लेकर विपक्षी सांसदों ने लगभग हर दिन सदन परिसर में प्रदर्शन किया।
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विशेष चर्चा भी हुई। इसके बाद कथित वोट चोरी के मुद्दे पर विपक्ष ने खूब हंगामा किया। हंगामे के बीच कई अहम विधेयक बिना चर्चा के ध्वनिमत, आंशिक चर्चा या विपक्ष के वॉकआउट के बीच ही पारित हो गए।
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हुआ था और 21 अगस्त तक चला। पहले इसे 12 अगस्त को ही खत्म होना था। इस दौरान 18 बैठकें प्रस्तावित की गई थीं।
सत्र की शुरुआत काफी हंगामेदार रही और शुरू के कुछ दिनों में तो लगातार सदन की कार्यवाही स्थगित हुई। इसके बाद वरिष्ठ सांसदों और स्पीकर ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें संसद सुचारू रूप से चलाने पर सहमति बनी।
***************************