नयी दिल्ली 23 फरवरी (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रगति प्लेटफार्म की 41वीं बैठक में कुल 41,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली अवसंरचना क्षेत्र की नौ बड़ी परियोजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की।
प्रधानमंत्री ने ‘मिशन अमृत सरोवरÓ की भी समीक्षा की। उन्होंने अवसंरचना परियोजनाओं के निर्धारण में भी प्रगति मंच के उपयोग की सलाह दी।
प्रधानमंत्री कार्यालय की जारी विज्ञप्ति के अनुसार इन परियोनाओं में इनमें तीन परियोजनाएं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की, दो रेल मंत्रालय की और एक-एक परियोजना विद्युत मंत्रालय, कोयला मंत्रालय, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की हैं।
ये परियोजनाएं 13 राज्य- छत्तीसगढ़, पंजाब, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, असम, गुजरात, महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश जुड़ी हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में जलाशयों के विकास के लिए चलाई जा रही मिशन अमृत सरोवर की भी समीक्षा की गई।
श्री मोदी ने मंत्रालयों और राज्य सरकारों को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाने के लिए पीएम गतिशक्ति पोर्टल का उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने परियोजनाओं के समय पर पूरा करने के लिए भूमि अधिग्रहण, उपयोगिता स्थानांतरण और अन्य मुद्दों के शीघ्र समाधान पर जोर दिया। उन्होंने केन्द्र सरकार के मंत्रालयों और राज्य सरकारों के बीच उचित समन्वय सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
प्रगति दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित एक मल्टी-मॉडल प्लेटफॉर्म है जिस पर केन्द्र और राज्य सरकारों को जोड़ा गया है ताकि शासन को आसानी से सक्रिय करते हुए बड़ी परियोजनाओं का समय पर कार्यान्वयन सम्पन्न किया जा सके। इन बैठकों में केंद्र और संबंधित राज्यों के परियोजनाओं से जुड़े विभागों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
श्री मोदी ड्रोन के माध्यम से किशनगंज, बिहार और बोटाड, गुजरात में अमृत सरोवर स्थलों के वास्तविक समय का जायजा लिया। प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों को मानसून आने से पहले मिशन मोड में अमृत सरोवर का काम पूरा करने की सलाह दी। प्रधानमंत्री ने योजना के तहत 50,000 अमृत सरोवर के लक्ष्य को समय पर पूरा करने के लिए ब्लॉक स्तर की निगरानी पर भी बल दिया।
उन्होंने कहा कि जन भागीदारी के साथ ‘मिशन अमृत सरोवरÓ के तहत पूरे देश में जल निकायों के कायाकल्प के लिए काम कर रहा है जिससे भविष्य के लिए जल संरक्षण में मदद मिलेगी। मिशन पूरा होने के बाद जल धारण क्षमता में लगभग 50 करोड़ घन मीटर वृद्धि होने की संभावना है। इसके अलावा इससे अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में प्रति वर्ष लगभग 32,000 टन कमी होने और भूजल फिर स्तर में 2.2 करोड़ घन मीटर से अधिक की वृद्धि की उम्मीद है।
इस मिशन के तहत अनेक सामाजिक कार्य जैसे स्वच्छता रैली, जल संरक्षण पर जल शपथ, स्कूली बच्चों की रंगोली प्रतियोगिता, छठ पूजा
जैसे धार्मिक उत्सव अमृत सरोवर स्थलों पर आयोजित किए जा रहे हैं।
प्रगति बैठकों के दौरान अब तक 15.82 लाख करोड़ रुपये की कुल लागत वाली 328 परियोजनाओं की समीक्षा की जा चुकी है।
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