भोपाल 22 Dec, (एजेंसी)। केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों के 142 सांसदों को निलंबित कर लोकतंत्र की हत्या करने का घिनौना कृत्य किया गया है। इंडिया एलायंस पार्टियों की बैठक में सर्वसम्मति से पारित निर्णय अनुसार मोदी सरकार के इस तानाशाहीपूर्ण रवैये के खिलाफ अभा कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर सभी प्रदेशों में कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेश एवं जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शन किये जायेंगे।
इसी तारतम्य में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी के निर्देश पर मध्य प्रदेश में भी सभी जिला/ शहर कांग्रेस इकाईयों में आज धरना आयोजित कर केंद्र की भाजपा सरकार के रवैये पर विरोध दर्ज कराया गया।
वहीं राजधानी भोपाल में जिला/शहर कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में आयोजित धरना कार्यक्रम में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण यादव सहित वरिष्ठ नेता शामिल हुये।
पटवारी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भारत देश में लोकतंत्र की मिसाल दी जाती है और इसका अनुसरण भी किया जाता है। लोकतंत्र की खासियत है कि आम नागरिक अपने विचारों को स्वतंत्रता से रख सकता है। सत्ता और विपक्ष देश के आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक विकास की दो पटरियां है, लेकिन आज चुनाव प्रणाली पर प्रश्न उठने लगे हैं ओर कोर्ट में केस लग रहे है। लोकतंत्र में ईवीएम पर कैसे-कैसे सवाल उठ रहे हैं, इससे देश की जनता का मनोबल टूट रहा है।
जीतू पटवारी ने कहा कि आज हमारे देश में जिस तरह के चुनाव के रिजल्ट आ रहे हैं, उस पर किसी को विश्वास नहीं हो रहा है। आज आम आदमी को ईवीएम पर विश्वास नहीं बचा है। केंद्र की भाजपा सरकार ने तानाशाही तरीके से लोकसभा और राज्यसभा के 142 सांसदों को निलंबित कर संसद से बेदखल करने का घिनौना कृत्य किया और लोकतंत्र की हत्या की गई वह देश की जनता के लिए बड़ा दुर्भाग्यपूर्व है।
पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बयान को लेकर कहा, भाजपा सरकार में पहले से ही 18 हजार घोषणाएं है अधूरी है। लाडली बहनों के साथ विश्वास घात किया गया है। विधानसभा में भाषण देने से जनता को लाभ नही मिलेगा। भाजपा द्वारा समर्थन मूल्य पर धान और गेहूं नहीं लेने पर कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता किसानों के साथ सड़क पर उतरेगा। विधानसभा और लोकसभा लोकतंत्र के मंदिर हैं। जनता को भरोसा होता है कि अगर लोकसभा या विधानसभा में सवाल उठा है तो उसका निराकरण होगा। भाजपा ने इस विश्वास को चकनाचूर किया है।
उन्होंने कहा कि मुझे भी बिना कारण विधानसभा से निलंबित किया गया था। अपनी पार्टी में ही पीएम मोदी तानाशाही ला रहे है, यह लोकतंत्र की हत्या नहीं है तो क्या है। प्रदेश की जनता के मन में भाजपा नेतृत्व से बड़ा सवाल है कि क्या विधायकों की सहमति से मुख्यमंत्री का चयन हुआ है?
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण यादव ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने जो वादे अपने घोषणा पत्र में जनता से किये हैं, उन्हें पूरा करें। लाड़नी बहना योजना हो या अन्य योजना सभी का लाभ जनता को मिले। यदि सरकार किसी प्रकार की कोताही बरतेगी तो कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता जनता को न्याय दिलाने सड़कों पर उतर आंदोलन करेगा।
भोपाल जिला/ शहर कांग्रेस अध्यक्ष अरूण श्रीवास्तव और प्रवीण सक्सेना ने कहा कि भाजपा सरकार की 18 सालों के भ्रष्टाचार, महिलाओं के साथ हुये अन्याय, किसानों के साथ हुये अत्याचार, युवाओं के साथ खिलवाड़ को जनता अभी भूली नहीं है। यदि अब भी इसी प्रकार की गुमराह करने की राजनीति भाजपा करेगी तो प्रदेश की जनता उसे सबक सिखायेगी।
प्रदेश की सभी जिला इकाईयों में हुये धरना आंदोलन, विरोध प्रदर्शन में स्थानीय स्तर पर प्रदेश के सभी जिला/शहर कांग्रेेस अध्यक्षों, जिला प्रभारियों, मोर्चा संगठनों और विभागों के अध्यक्षों प्रदेश, जिला, ब्लाक पदाधिकारी, सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, स्थानीय जनप्रतिनिधि, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि, मोर्चा संगठन, विभागों, प्रकोष्ठों के जिला एवं प्रदेश पदाधिकारी, वरिष्ठ कांग्रेसजनों एवं कार्यकर्ताओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
भोपाल में आयोजित धरना प्रदर्शन में प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजीव सिंह, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पी.सी. शर्मा, उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, प्रकाश जैन, अभय दुबे, जे.पी. धनोपिया, के.के. मिश्रा, श्रीमती विभा पटेल, प्रदीप अहिरवार, आसिफ जकी, शबिस्ता जकी, मेजर श्याम श्रीवास्तव, संजीव सक्सेना, भूपेन्द्र गुप्ता, कैलाश मिश्रा, रवि सक्सेना, राजकुमार सिंह, अवनीश भार्गव, रविन्द्र साहू झूमरवाला, अमित शर्मा, संतोष परिहार, आनंद तारण, फरहाना खान, मेघा परमार, राजलक्ष्मी नायक, त्रिलोक दीपानी, संतोष कंसाना, नरेश ज्ञानचंदानी, अनीस खान, गुड्डू चौहान, महक राणा, सीताराम यादव, प्रहलाद पटेल सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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