Mitul Trivedi, who claimed to be involved in the design of Chandrayaan-3, is missing, his residence is locked;

सूरत 27 Aug. (एजेंसी): खुुद को इसरो से जुड़ने का दावा करने वाले सूरत निवासी मितुल त्रिवेदी ने चंद्रयान 3 के डिजाइन तैयार करने की बात कही थी, मगर अब वह जांच अधिकारियों से बचते नजर आ रहे हैं। चंद्रयान 3 के डिजाइन तैयार करने को लेकर सुर्खियां बटोरने वाले मितुल त्रिवेदी अब गायब हैं। कथित तौर पर त्रिवेदी के आवास पर ताला लगा हुआ है और उनका फोन भी बंद है, जिससे उनके दावों को लेकर शंका और बढ़ गई है।

त्रिवेदी के दावों की जांच अब पुलिस की सूरत अपराध शाखा को सौंप दी गई है। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि हालांकि त्रिवेदी के दावे से नुकसान कुछ नहीं है, वे उनके बढ़ा-चढ़ाकर बयान देने की प्रवृत्ति को उजागर करते हैं।

त्रिवेदी के बयानों की जांच पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) हेतल पटेल को सौंपी गई थी। शहर के पुलिस आयुक्त के कार्यालय तक पहुंचने के बावजूद, त्रिवेदी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ अपने कथित जुड़ाव को साबित करने वाला कोई भी दस्तावेज उपलब्ध कराने में असमर्थ रहे।

त्रिवेदी ने सफल चंद्रयान-3 मिशन के बाद अपनी भागीदारी के दावे कर ध्यान आकर्षित किया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि लैंडर के उनके डिजाइन में पारंपरिक लैंडर के विपरीत, लैंडिंग पर धूल के बिखरने को रोकने वाली एक अनूठी विशेषता शामिल थी। उन्होंने यह भी कहा कि वह 2011 से इसरो और 2013 से नासा से जुड़े हुए हैं। यहां तक कि उन्होंने नासा के 2024 चंद्र मानव मिशन और इसरो के आदित्य एल1 और गगनयान मिशन डिजाइन परियोजनाओं में भूमिका का दावा भी किया।

त्रिवेदी की कथित शैक्षणिक उपलब्धियों में भौतिकी में बीएससी और एमएससी, और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में क्वांटम भौतिकी में अध्ययन, और पीएचडी के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में मानव विज्ञान और वेदांत शामिल हैं। उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की सदस्यता और 45 प्राचीन भाषाओं को पढ़ने की क्षमता का भी दावा किया थाा।

त्रिवेदी की प्रसिद्धि तब बढ़ी जब उनके शिक्षक अर्जुन पटेल से बात करते हुए एक ऑडियो क्लिप वायरल हो गई। इससे पहले त्रिवेदी ने दक्षिण गुजरात में ओलपाड के पास समुद्र में द्वारिका नाम की स्वर्ण नगरी होने का दावा किया था।

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