MiG-21 Bison aircraft took its last flight in the sky, Indian Air Force bid farewell

नई दिल्ली 31 Oct, (एजेंसी): एक युग के अंत के रूप में भारतीय वायुसेना के मिग-21 बाइसन विमान को आखिरी बार भारतीय आसमान में उड़ाया गया। विमान को राजस्थान के बाड़मेर जिले के उत्तरलाई के आसमान में देखा गया। वायु सेना के मुताबिक 30 अक्टूबर को इस अवसर को चिह्नित करने के लिए मिग-21 बाइसन ने आधुनिक फाइटर जेट सुखोई 30 एमकेआई के साथ उड़ान भरी। इस समारोह के दौरान तीनों सेनाओं के सैनिक मौजूद रहे।

रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि मिग-21 स्क्वाड्रन ने लगभग छह दशकों तक देश की सेवा की है। भारत-पाक संघर्षों के दौरान भी ‘मिग-21 स्क्वाड्रन’ ने युद्ध प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि “ओरियल्स” के नाम से जाना जाने वाला स्क्वाड्रन 1966 से मिग-21 का संचालन कर रहा है। अब इस स्क्वाड्रन को सुखोई-30 एमकेआई विमान से सुसज्जित किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह परिवर्तन देश के आसमान को आधुनिक बनाने और उसकी रक्षा करने के लिए भारतीय वायु सेना की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दरअसल भारतीय वायु सेना ने अपने मिग-21 लड़ाकू विमानों के उड़ान भरने पर रोक लगाने की प्रक्रिया काफी पहले ही शुरू कर दी थी।

गौरतलब है कि मिग-21 फाइटर जेट बीते 6 दशकों से भारतीय वायु सेना के बेड़े का महत्वपूर्ण विमान है। वायु सेना के मुताबिक यह रोक मिग-21 लड़ाकू विमानों के पूरे बेड़े पर लगाई गई है।

बीते दिनों राजस्थान में मिग-21 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसके बाद भी वायु सेना ने यह विमान न उड़ाने का निर्णय लिया था। भारतीय वायु सेना के मुताबिक राजस्थान हादसे की जांच पूरी होने तक मिग-21विमानों के बेड़े यह प्रतिबंध लागू था।

जहां एक और भारतीय वायु सेना के पास आधुनिकतम फाइटर जेट सुखोई मौजूद है, वहीं बीते वर्ष दिसंबर में आधुनिक फाइटर जेट राफेल की अंतिम किस्त भी भारत पहुंच चुकी है। इसी के साथ ही भारत फ्रांस के बीच हुआ राफेल सौदा पूरा हो गया है। भारत और फ्रांस के बीच कुल 36 राफेल फाइटर जेट को लेकर सौदा हुआ था और अब भारत को सभी 36 राफेल मिल चुके हैं।

भारतीय वायु सेना चरणबद्ध तरीके से मिग-21 विमानों को अपने बेड़े से बाहर करने की प्रक्रिया का पालन पहले से ही कर रही थी। इन विमानों को भारतीय वायु सेना से पूरी तरह हटा लेने का फैसला लिया गया था। भारतीय वायुसेना उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान के साथ एलसीए मार्क 1 ए और एलसीए मार्क 2 सहित स्वदेशी विमानों को शामिल कर कर रही है।

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