Manish Sisodia demands CBI investigation on fee hike by private schools in Delhi

नई दिल्ली  05 April, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों द्वारा की जा रही फीस वृद्धि को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा।

आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को प्रेसवार्ता कर भाजपा सरकार और प्राइवेट स्कूलों के बीच सांठगांठ का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा की सरकार बनते ही दिल्ली में भ्रष्टाचार को खुली छूट मिल गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की मिलीभगत के बिना कोई भी प्राइवेट स्कूल अपनी फीस नहीं बढ़ा सकता।

उन्होंने सवाल उठाया कि फीस वृद्धि का कितना हिस्सा मंत्रियों तक पहुंच रहा है, इसका पर्दाफाश जरूरी है। सिसोदिया ने कहा कि आप सरकार के कार्यकाल के दौरान फीस वृद्धि पर सख्त नियंत्रण था। 2015 के बाद प्राइवेट स्कूलों का ऑडिट कराया गया, और सिर्फ उन्हीं स्कूलों को फीस बढ़ाने की अनुमति दी गई, जो आर्थिक रूप से मजबूर थे।

उन्होंने बताया कि कई स्कूलों के पास करोड़ों रुपए की जमा राशि थी, फिर भी वे फीस बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे, जिसे रोका गया। कई स्कूलों ने सरकार के खिलाफ कोर्ट में मुकदमे भी किए, लेकिन केजरीवाल सरकार ने उन्हें कोर्ट में मात दी।

पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि आज प्राइवेट स्कूल बिना किसी सरकारी अनुमति के मनमाने तरीके से फीस बढ़ा रहे हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली के प्रमुख स्कूलों ने 10 से 30 फीसदी तक फीस में बढ़ोतरी कर दी है।

अहलकॉन पब्लिक स्कूल, सलवान पब्लिक स्कूल, एंजेल पब्लिक स्कूल, रुक्मिणी देवी पब्लिक स्कूल और लैंसर पब्लिक स्कूल जैसे नामचीन संस्थानों ने हजारों रुपए तक मासिक फीस बढ़ा दी है, जबकि न तो शिक्षकों की सैलरी बढ़ी है और न ही सुविधाएं।

सिसोदिया ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि आज दिल्ली में महिलाएं बसों में मुफ्त यात्रा से वंचित हैं, मोहल्ला क्लीनिक बंद हो चुके हैं, अस्पतालों में दवाएं नहीं मिल रहीं और बिजली कटौती आम हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार लोगों के हितों के खिलाफ फैसले ले रही है और प्राइवेट स्कूलों की लूट को बढ़ावा दे रही है।

आप नेता ने चेतावनी दी कि अगर दिल्ली सरकार की ओर से यह लूट नहीं रोकी गई, तो आम आदमी पार्टी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा माफिया की यह मनमानी दिल्ली के लाखों अभिभावकों की जेब पर सीधा हमला है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

मनीष सिसोदिया ने मांग की कि उन सभी स्कूलों की जांच होनी चाहिए जिन्हें आप सरकार के कार्यकाल में फीस बढ़ाने से रोका गया था, लेकिन भाजपा सरकार के आने के बाद उन्हें मनमानी की छूट मिल गई।

उन्होंने अंत में कहा कि जब तक शिक्षा को व्यापार समझा जाएगा, तब तक गरीब और मध्यमवर्गीय अभिभावकों का शोषण होता रहेगा।

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